28 फरवरी को अत्यंत पिछड़ी जातियों का सम्मेलन। नए मिशन में जुटे बिहार के नेतागण


पटना। द न्यूज़। जननायक कर्पूरी ठाकुर की पुण्यतिथि के अवसर पर कल पटना में अत्यंत पिछड़ी जातियों के प्रमुख नेताओं द्वारा उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया और दो मिनट का मौन धारण उन्हें कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस अवसर पर अत्यंत पिछड़ी जातियों की सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक व राजनैतिक स्थिति पर विचार-विमर्श भी किया गया। विमर्शोपरान्त इस निष्कर्ष पर पहुँचा गया कि अत्यंत पिछड़ी जातियों की दशा ठीक नहीं है। जीवन के हर क्षेत्रों में ये जातियाँ अभी भी अत्यंत पिछड़ी की अत्यंत पिछड़ी ही बनी हुई हैं।
बाद में एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर सर्वश्री डॉ. भीम सिंह (पूर्व मंत्री), उदयकांत चौधरी (पूर्व विधान पार्षद व पूर्व अध्यक्ष, राज्य अति पिछड़ा वर्ग आयोग), प्रमोद सिंह चन्द्रवंशी (पूर्व सदस्य,राज्य अति पिछड़ा वर्ग आयोग) और प्रो. दिलीप कु पाल ने कहा कि हम यह नहीं मानते कि इन जातियों पर जरा भी ध्यान नहीं दिया गया। ध्यान तो दिया गया पर उतना ही जैसे तपते रेगिस्तान में वर्षा की हल्की फुहार।

फलतः अत्यंत पिछड़ी जातियों के विकास की गति अत्यंत धीमी है। अगर यही गति बनी रही तो 21 वीं सदी के अंत तक भी शायद ही इन जातियों का समुचित विकास हो पाए। और अब तो विकास का पहिया उल्टी दिशा में भी घूमता हुआ महसूस हो रहा है
नेताओँ ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में हम हाथ पर हाथ धरे बैठे नहीं रह सकते। समाज को संगठित करने और आगे की रणनीति तय करने के लिए आगामी 28 फरवरी को पटना में ‘अत्यंत पिछड़ी जातियों का लीडर्स कॉन्फ्रेंस’ आयोजित किया गया है जिसमें प्रदेश भर से प्रमुख नेता व कार्यकर्त्ता भाग लेंगे।