पटना। द न्यूज़। लोजपा नेता चिराग पासवान के सह पर उनके समर्थकों का 143 सीटों का राग कहीं राग दरबारी न बनकर रह जाये। लोजपा नेता चिराग पासवान महज नीतीश कुमार पर सीटों के लिए प्रेशर दे रहे हैं या उनकी बातों में कुछ सच्चाई भी है। पार्टी के संसदीय दल की बैठक हो पार्टी के सांसद की जुबान लोजपा एक महीने से 143 सीटों पर चुनाव लड़ने की धमकी दे रही है। शुरुवात में ये बाते सामने आई कि लोजपा ने 243 विधानसभा सीटों में अपने लिए 43 सीटों की मांग की है पर उसकी बातों को ठुकरा दिया गया तो उसने 143 सीटों की मांग उठा दी।
लोजपा और जदयू के बीच तनातनी की बातें नीतीश द्वारा चिराग को तवज्जो न देने के मामले से आ रही है। चिराग की माने तो उन्होंने कई बार नीतीश कुमार से मुलाकात का समय मांगा पर समय नहीं मिला। इसके बाद चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री की समस्याओं को लेकर लेटर बम लिखना शुरू किया। स्वास्थ्य व बेरोजगारों को लेकर नीतीश की अगुवाई वाली सरकार पर पत्रों के कई तीर छोड़कर घायल किया गया। एक समय ऐसा आया कि जदयू नेताओं ने चिराग पासवान को मूर्ख कहकर मजाक बनाया। जदयू के एक वरिष्ठ नेता ने चिराग का नाम किये बगैर कहा कि कालिदास की तरह चिराग जिस डाली पर बैठे हैं उसे काट रहे हैं। इसके बाद तो लोजपा नेताओं ने जदयू ने ललन सिंह पर धावा बोल दिया। चिराग पासवान ने दो बार अपनी पार्टी का संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाकर जेडीयू नेता ललन सिंह के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित कराया।
दरअसल जैसे जैसे एनडीए घटक दलों के बीच सीट बंटवारे में देरी हो रही है लोजपा में बेचैनी हो रही है। लोजपा को डर है कि मतदान के समय कोई ठोस निर्णय से सारा कार्यकर्ता भाग जाएंगे। दूसरी बात यह भी हो सकती है लोजपा पहले से टिकट खरीदार की पहचान कर ली हो। इसलिए इस बार ज्यादा उम्मीद है कि लोजपा नई रणनीति की तहत अलग होकर चुनाव लड़े। केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान भी पूरी तरह इसी रणनीति पर चलकर अपने बेटा चिराग का साथ दे रहे हैं।