पूर्व सीएम एसएम कृष्णा के दामाद सिद्धार्थ को आखिर कर्ज ने डुबो दिया

बेंगलुरु (द न्यूज़)। ऋण लेकर घी पीने के दर्शन ने आखिरकार कॉफी डे के मालिक विजी सिद्धार्थ को नदी में कूदने के लिए मजबूर कर ही दिया। भारतीय दर्शन में चार्वाक के ऋणं कृत्वा घृतं पीवेत के दर्शन को त्याग कर सन्तोषम परम सुखं का जीवन श्रेष्ठ मार्ग बताया गया है।

4200 करोड़ के कॉफी डे के मालिक विजी सिद्धार्थ की आत्म हत्या ने देश के व्यवसायियों की आंखे खोलने के लिए काफी है। आमदनी से अधिक कर्ज लेते रहे और एक समय यह कर्ज 8000 करोड़ से अधिक भाग गया पर सिद्धार्थ चादर से अधिक पांव फैलाते रहे। कर्ज न चुकाने के बोझ ने आखिरकार सिद्धार्थ को नदी में वास्तविक रूप से डुबो दिया। सिद्धार्थ कर्नाटक के पूर्व मुख्य मंत्री व कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे एसएम कृष्णा के दामाद थे।

भारतीय दर्शन ने चार्वाक के ऋणं कृत्वा घृतं पीवेत दर्शन को खुलकर खिल्ली उड़ाई है। कई बिजनेस मैन इस दर्शन पर चले और खाई में गिरे। अनिल अंबानी सरीखे कई बिजनेस मैन कर्ज के बोझ से लड़खड़ा रहे हैं। विजय माल्या, नीरव मोदी की कथा भी कुछ इस प्रकार ही है। अधिक कमाई के चक्कर में अर्थशास्त्र का दर्शन ध्वस्त ही रहा है।