लो शुरू हो गया बिहार में महाभारत का युद्ध। प्रशांत किशोर ने गृह मंत्री पर जनसुराज के उम्मीदवारों को डराने का आरोप लगाया

पटना। द न्यूज। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान समेत भाजपा नेताओं पर पार्टी के प्रत्याशियों को धमका कर और दबाव डालकर नामांकन वापस कराने का बड़ा आरोप लगाया है। आज सोमवार को शेखपुरा हाउस में प्रेस कांफ्रेंस कर उन्होंने दानापुर, गोपालगंज और ब्रह्मपुर से जन सुराज प्रत्याशियों के नामांकन वापसी कराने को भाजपा का डर बताया।उन्होंने कहा कि भाजपा की छवि बनी है कि कोई भी जीते, सरकार यही बनायेंगे। जन सुराज को अभी तक वोटकटवा पार्टी बोलने वाले भाजपा को अब सबसे ज़्यादा डर जन सुराज से ही लग रहा है। पहला केस दानापुर का है। यहां महागठबंधन से बाहुबली अपराधी नेता जेल से चुनाव लड़ते हैं। जनता ने इन बाहुबलियों से डर कर तय किया कि इस बार वहीं के व्यवसायी अखिलेश कुमार उर्फ़ मुटूर शाह को जन सुराज से टिकट दिलाया जाए। उन्होंने मनोज भारती जी के हाथ से सिंबल लिया लेकिन नामांकन करने नहीं पहुंचे। भाजपा वाले बताते रहे कि राजद के गुंडों ने उन्हें बंधक बना लिया है। लेकिन ये भारत सरकार के गृह मंत्री अमित शाह और बिहार के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के साथ थे। यह भाजपा का चाल चरित्र और चेहरा है। एक साधारण व्यवसायी को देश का गृह मंत्री बुलाकर अपने पास बैठा ले रहा है। वह क्या कर सकेगा? चुनाव आयोग नहीं देख रहा है कि एक प्रत्याशी को गृह मंत्री समेत भाजपा के नेता घेरे हुए हैं। हम चुनाव आयोग से इसकी शिकायत करेंगे।PK ने केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान पर डराकर-धमकाकर जन सुराज के 3 उम्मीदवारों के नामांकन वापस कराने में अहम भूमिका निभाने का आरोप लगाया, ब्रह्मपुर प्रत्याशी डॉ सत्यदेव तिवारी के साथ उनकी तस्वीर जारी कीप्रशांत किशोर ने आगे धर्मेंद्र प्रधान के साथ बक्सर के ब्रह्मपुर उम्मीदवार डॉ सत्य प्रकाश तिवारी की तस्वीर जारी की। कहा कि ब्रह्मपुर में लोजपा के बड़े बाहुबली हुलास पांडेय चुनाव लड़ते हैं। वहां से जन सुराज के प्रत्याशी सत्य प्रकाश तिवारी बड़े डॉक्टर हैं। पटना में बड़ा अस्पताल चलाते हैं। प्रत्याशी बनने के बाद तीन दिन तक इन्होंने प्रचार किया। कल सुबह अचानक इन्होंने अपनी उम्मीदवारी वापस ली है। इनकी तस्वीर इनके घर पर धर्मेंद्र प्रधान के साथ है। यह पहले नहीं देखा होगा कि चुनाव घोषित होने के बाद एक प्रत्याशी से केंद्र के मंत्री मिल रहे हैं। इनपर दबाव देकर नामांकन वापस कराया गया है। जन सुराज के एक सभ्य कार्यकर्ता, डॉक्टर को डरा कर नामांकन वापस कराया जा रहा है।इसी तरह गोपालगंज के बहुत बड़े डॉक्टर और हमारे उम्मीदवार डॉ शशि शेखर सिन्हा का भी मामला है। वे गोपालगंज के बड़े नेता रघुनाथ पांडेय के दामाद हैं। हमारे साथ लगातार रहे हैं। परसों तक चुनाव प्रचार कर रहे थे। फिर इनके पास स्थानीय भाजपा नेता पहुंचे और इनपर दबाव बनाकर नामांकन वापस लेने को कहा। उन्होंने मुझसे कॉल कर कहा कि मुझपर दबाव बना रहे हैं लेकिन मैं आपके साथ हूं। फिर दो घंटे बाद उन्होंने नामांकन वापस लेकर फ़ोन बंद कर लिया।PK का चुनाव आयोग से सवाल – उम्मीदवार की सुरक्षा नहीं कर सकते हैं तो वोटरों की सुरक्षा कैसे करेंगे? उम्मीदवारों को धमकाया जा सकता है तो वोटरों को डराने से कैसे रोकेंगे?प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि हमारी जानकारी में है कि जन सुराज के 14 उम्मीदवारों को कई तरह की धमकी दी गई, डराया गया है। तीन लोग टूट गए लेकिन 240 लोग अभी भी हिम्मत से साथ खड़े हैं। कुम्हरार से हमारे प्रत्याशी प्रो. केसी सिन्हा पर भी बहुत दबाव दिया गया है। लोगों ने मुझे बताया कि उनको भी बहुत धमकी दी गई है। लेकिन उनको धन्यवाद देना चाहते हैं कि वो डिगे नहीं। वाल्मीकिनगर से पहली बार एक शिक्षक को जन सुराज ने टिकट दिया है। वो दो साल पहले इस्तीफा देकर जन सुराज से जुड़े। दो साल से उन्हें सैलरी नहीं मिली है। अब नामांकन के बाद स्थानीय प्रशासन उनपर दबाव बना रहा है कि आपका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है। आप चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।प्रशांत किशोर ने आगे सवाल किया कि दूसरे पार्टी के घोषित उम्मीदवार को देश के गृह मंत्री, केंद्रीय मंत्री डरा धमका रहे हैं। गृह मंत्री, केंद्रीय मंत्री पार्टी के नेताओं के साथ उसे घेर रहे हैं। उसके घर पर बैठकर दबाव बना रहे हैं। यह बिहार की जनता को देखना चाहिए। अभी जन सुराज के 240 योद्धा मैदान में हैं। भाजपा को हरायेंगे, किसी से डरने वाले नहीं हैं, चाहे कितनी भी धमकी दे दें। भाजपा के दांत खट्टे कर देंगे।उन्होंने कहा कि ये महागठबंधन से नहीं डरते क्योंकि वहाँ भी बाहुबली खड़े हैं। ये लोग डरते हैं अच्छे लोगों से, डॉक्टरों से, व्यवसायियों से। यह जन सुराज का डर है। हमने इतने अच्छे लोग खड़े किए हैं कि ये लोग डर गए हैं। हमलोग इसका विरोध कर रहे हैं। चुनाव आयोग से अपील कर रहे हैं कि आप उम्मीदवार की सुरक्षा नहीं कर सकते हैं तो वोटरों की सुरक्षा कैसे करेंगे? उम्मीदवारों को धमकाया जा सकता है तो वोटरों को डराने से कैसे रोकेंगे? फिर भी इस बार हमलोग लड़ रहे हैं। बिहार के युवाओं से बोल रहे हैं कि एक बार पूरी ताकत से इस सरकार को उखाड़ फेंकिए ताकि फिर से आपको बाहर न जाना पड़े।

जन सुराज ने 54 अतिपिछड़ा समाज के उम्मीदवार दिए, साथ ही जहां पहले से मुस्लिम विधायक-उम्मीदवार थे उन्हें छोड़ 34 मुस्लिम उम्मीदवार दिए – प्रशांत किशोर

वहीं एक सवाल के जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज ने इस बार 54 अतिपिछड़ा समाज के लोगों को टिकट दिया है। 70 देना था लेकिन नहीं दे सके। यह भी किसी भी पार्टी द्वारा इस समाज को दी गई अभी तक की सर्वाधिक हिस्सेदारी है। मुसलमानों को किरासन तेल की तरह इस्तेमाल करने वाले लोग बतायें, हमने 34 मुस्लिम साथियों को टिकट दिया है। सीमांचल को छोड़ पूरे बिहार में जहां कहीं भी मुस्लिम विधायक या उम्मीदवार रहे हैं, वहां हमने मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है।

इस दौरान मंच पर प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती, वरिष्ठ नेता सुभाष सिंह कुशवाहा, सरवर अली, प्रदेश मीडिया प्रभारी ओबैदुर रहमान, पार्टी प्रवक्ता कैप्टेन राजीव रंजन और सदफ इकबाल भी मौजूद रहे।