अखिलेश बिहार कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए गए, पार्टी अकेले चुनाव लड़ने के मूड में

पटना: द न्यूज। बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है। कांग्रेस ने बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी (BPCC) के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह को हटाकर उनकी जगह राजेश कुमार को नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह फैसला तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है। इस बदलाव के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस आगामी चुनाव अकेले लड़ सकती है और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से दूरी बना सकती है।

इस फेरबदल को कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार की बिहार में जारी ‘पदयात्रा’ से जोड़कर देखा जा रहा है। कन्हैया कुमार और अखिलेश प्रसाद सिंह दोनों भूमिहार समुदाय से आते हैं, लेकिन उनकी राजनीतिक निष्ठाएँ अलग हैं। जहां अखिलेश सिंह आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाते हैं, वहीं कन्हैया कुमार कांग्रेस में एक मजबूत चेहरा बनकर उभर रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस कदम से कांग्रेस ने यह संकेत दिया है कि वह बिहार की राजनीति में अपनी स्वतंत्र पहचान बनाना चाहती है और आरजेडी के सहारे चलने के बजाय अपने दम पर आगे बढ़ने की रणनीति बना रही है। अखिलेश सिंह को हटाकर पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह बिहार में अपने राजनीतिक समीकरणों को नए सिरे से स्थापित करने की कोशिश कर रही है।

हालांकि, कांग्रेस नेतृत्व ने अभी तक आधिकारिक तौर पर यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह आगामी चुनावों में अकेले उतरेगी या नहीं, लेकिन इस बदलाव से महागठबंधन के भीतर दरार की संभावना बढ़ गई है। अगर कांग्रेस वाकई अकेले चुनाव लड़ने का फैसला करती है, तो इससे राज्य की चुनावी गणित में बड़ा बदलाव आ सकता है, खासकर उन सीटों पर जहां पार्टी अब तक आरजेडी के समर्थन पर निर्भर थी।

आने वाले दिनों में पार्टी की रणनीति और स्पष्ट होगी, लेकिन फिलहाल अखिलेश प्रसाद सिंह की बर्खास्तगी बिहार की सियासत में बड़े बदलाव का संकेत दे रही है।