तो बिहार बीजेपी मीडिया प्रभारी राकेश की चिट्ठी पर कौन फंसे! पुलिस या खुद

पटना ( द न्यूज़)। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर पक्ष और विपक्ष दोनों लॉक डाउन का पालन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ मीडिया प्रभारी राकेश कुमार सिंह की एसएसपी को लिखी चिट्ठी पर पूरे प्रदेश भाजपा की किरकिरी हो रही है। पुलिस ने मोबाइल के जरिये सही टाइम व लोकेशन का पता लगा लिया है। माम्कला 6.30 बजे सुबह का है या सुबह 5.30 बजे का। वैसे भी यह पता किया जा रहा है कि क्या आर ब्लॉक आंटे की दुकान सुबह 5-6 बजे खुल जाती है। ज्ञात हो कि 12 अप्रैल की सुबह चौराहे पर पुलिस ने प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी को भी नहीं छोड़ी थी। उनकी पिटाई कर दी थी। भाजपा मीडिया प्रभारी का कहना था कि वह आटा के लिए आर ब्लॉक चौराहा जा रहा था मंदिर के पास कोतवाली थाने के अधिकारी ने पिटाई कर दी।जबकि मीडिया प्रभारी होने का परिचय भी दिया था। उधर पुलिस सूत्रों का कहना है कि कानून सबके किये बराबर है। घटना 5.30 बजे सुबह की है। हालांकि राकेश सिंह का कहना है कि घटना सुबह 6.30 बजे की है। पुलिस का यह भी कहना है कि कोतवाली पुलिस ने नहीं, सुबह गस्ती पर डटे पुलिस कर्मियों ने पीटा होगा। यह भी देखना होगा कि लॉक डाउन में कितने लोग पिट रहे हैं। आखिर रसूखवाले की पिटाई होती है तो क्यों हाय तौबा मचने लगता है और मीडिया मैनेजमेंट सक्रीय हो जाता है। सूत्र बताते हैं कि राकेश सिंह के मन मुताबिक यदि खबर नहीं छपे तो ये रिपोर्टर की शिकायत एडिटर और ग्रुप एडिटर से कर देते हैं। प्रदेश भाजपा में कई योग्य मीडिया प्रभारी थे पर उन्हें रास्ता दिखा दिया गया पर अपनी ऊंची पैरवी पर ये फिर से पद लेने में सफल रहे। चर्चा है कि अपना ईगो satisfy के लिए ये पुलिस पर दवाब दाल रहे हैं।

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