समाज को संगठित किया, यवनों को खदेड़ा,किया राष्ट्र निर्माण फिर भी ब्राह्मण को विषपान: जेएन त्रिवेदी

पटना ( द न्यूज़/ विद्रोही)। वैदिक युग से लेकर आज तक ब्राह्मण समाज आपस में लोगों को जोड़ने में जुटा है। ब्राह्मणों ने हमेशा देने का काम किया। गरल पीकर समाज को एकजुट किया। पूरा विश्व को ही कुटुम्ब ( वसुधैव कुटुम्बकम/ Universal Brotherhood) का पाठ पढ़ाने वाले ब्राह्मणों के प्रति द्वेष का बीज फैलाने का काम अंग्रेजी हुकूमत ने किया, ताकि भारतीय समाज में टूट हो सके और अंग्रेजी शासन का सूरज कभी डूब न सके। भारतीय समाज के सबसे मजबूत स्तम्भ ब्रह्मान पर चोट कर अंग्रेजों ने फुट डालो राज करो की नीति अपनाया। ऐसा मानना है ब्राह्मण एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेएन त्रिवेदी का।ब्राह्मण समाज मे ब्राह्मणों के योगदान को सामने रखने के लिए पटना में एक बृहद सम्मेलन/सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। 21 दिसंबर 2019 को मौर्य होटल में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में देश व विदेश के विद्वान जुटेंगे। ये विद्वान बताएंगें कि भारतीय समाज मे ब्राह्मणों का कितना बड़ा योगदान है। राष्ट्र निर्माण में ब्राह्मणों की कितनी बड़ी भूमिका है। किसने ब्राह्मणों के खिलाफ़ जहर बोने का काम किया।ब्राह्मण समाज राजनैतिक चेतना मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेएन त्रिवेदी के प्रयासों से 21 दिसम्बर को पटना में विद्वतजन पधार रहे हैं। ये विद्वतजन अपने सारगर्भित विचारों से देश को बताएंगे कि ब्राह्मण ने समाज को कितना बड़ा योगदान दिया है। त्रिवेदी जी का कहना है कि ब्राह्मणों ने हमेशा समाज को दिया है। चाणक्य ने समाज को एकजुट कर राष्ट्र का निर्माण किया। समाज को संगठित कर यवनों को खदेड़ा। याद रहे अंग्रेजों को भारत से खदेड़ने के लिए सबसे पहले मांगल पांडेय ने अपनी जान की बाजी लगायी। इतिहास गवाह है अंग्रेजों से भारत को आजाद करने के लिए स्वतंत्रता संग्राम का पहला विगुल मंगल पांडेय ने बजाया था। ब्राह्मणों के खिलाफ द्वेष फैलाने की नीयत से मनुस्मृति में अलग से चैप्टर जोड़ा गया है। ब्राह्मण सर्वजन हिताय की बात करते हैं। उनके लिए हर जाति व सम्प्रदाय बंधु हैं। चूंकि बाह्मण भारतवर्ष की बुनियाद हैं इसलिए समाज व राष्ट्र को तोड़ने के लिए कुछ लोग ब्राह्मणों के खिलाफ जहर उगलते है। देश ऐसे लोगों को बर्दास्त नहीं करेगा।

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