पटना ( द न्यूज़)। लोजपा से दो फाड़ होकर अस्तित्व में आई नई पार्टी लोजपा सेक्युलर का असर बिहार की राजनीति में दिखने लगा है। खास है कि लोजपा सेक्युलर से घबराकर रामविलास पासवान ने पार्टी में भगदड़ रोकने के लिए कमान चिराग पासवान को थमा दी है। पशुपति पारस के प्रदेश अध्यक्ष रहते पार्टी में दो फाड् हो गया था। रामविलास के सबसे करीबी व जमीनी डॉ सत्यानंद शर्मा ने अलग होकर लोजपा सेक्युलर पार्टी का गठन कर दिया। इसके बाद लोजपा में भूचाल आ गया।
लोजपा सेक्युलर के बनने से रामविलास समेत पूरी पार्टी को धक्का लगा। पार्टी को एकजुट नहीं रखने का ठीकरा पशुपति पारस पर फोड़ा गया। पारस से प्रदेश अध्यक्ष पद छीनकर रामविलास ने स्व. रामचंद्र पासवान के पुत्र प्रिंस राज को सौंप दी। पारस को परई कार्यालय से हटाकर दिल्ली का राह दिखा दिया गया। साथ ही रामविलास पासवान ने अपना अध्यक्ष पद का ताज चिराग पासवान के सिर बांध दिया। लोजपा संगठन में तब्दीली के पीछे यह लोजपा सेक्युलर का बढ़ता आकार कारण बताया जा रहा है।
कारण कुछ भी रहा हो पर लोजपा सेक्युलर के बनते ही लोजपा पर संकट का पहाड़ टूट पड़ा। अब पिता रामविलास के निर्देश पर चिराग पासवान अंधेरा हटाने के लिए झोपड़ी में चिराग जलाने चले हैं।अभी लोजपा में काफी परिवर्तन होने वाला है। इधर सत्यानंद के नेतृत्व वाले लोजोआ सेक्युलर का कुनबा बढ़ता जा रहा है। रविवार को रालोसपा के नेता वीरेंद्र राम उर्फ वीरेंद्र पासवान लोजपा सेक्युलर में शामिल हो गये।
ज्ञात हो कि सत्यानंद शर्मा ने प्रदेश में अगला मुख्य मंत्री अतिपिछड़े से मांग उठा कर सभी राजनीतिक दलों की नींद उड़ा दी है। पूर्व सांसद पप्पू यादव ने उनसे दोस्ती का हांथ बढ़ाया है। आने वाले समय में प्रमुख दलों से लोजपा सेक्युलर का गठजोड़ होने की उम्मीद जताई जा रही है।