अब बिहार में कोरोना जांच करने वाले टेक्नीशियन का टोटा। रोगी लौट रहे घर। एम्स सफाईकर्मी काम पर लौटने से किये मना।

पटना। द न्यूज़। टेक्नीशियन के नहीं रहने से शहर के राजवंशीनगर अस्पताल में कोरोना जांच बाधित हो गयी है। कई लोग जांच न होने के कारण घर वापस लौट गए।उधर पटना एम्स के सफाईकर्मी व अटेंडेंट पगार को लेकर काम करने से मना कर दिए हैं। बहरहाल, बिहार में कोरोना के साथ कई समस्याएं आ गयी है। गोपालगंज में बाढ़ के कटाव से सत्तारघाट पुल का अप्रोच रोड बाधित हो गया। दरभंगा, पूर्णिया समेत कई जिलों में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बढ़ रही है। इधर कोरोना तेजी से फैल रहा है। जनता कराह रही है। कल नीतीश सरकार ने पटना के 25 केंद्रों पर जांच की व्यवस्था की थी। साथ ही एम्स समेत अस्पतालों में आईपीएस अधिकारियों को तैनात किया था कि कर्मचारियों व जनता को समस्या न आये, किन्तु सूत्रों के मुताबिक आज टेक्नीशियन हड़ताल पर चले गए। राजवंशीनगर अस्पताल में यही हाल है। एक स्थानीय निवासी जब राजवंशी नगर जांच के लिए अस्पताल गए तो बताया गया कि टेक्नीशियन नहीं आये हैं। आएंगे तब आईये। पिछले दो दिनों से गार्डिनर रोड अस्पताल में जांच नहीं हो रही है। आखिर अब जनता कहां जाए। यदि सच्चाई व्यक्त की जा रही है तो सरकार का एक तंत्र खंडन के लिए तैयार है। सच को दबाने के लिए एक कई सत्ताधारी पोशुआ सामने आ जाएंगे। एक अलग तरह के गिरोह से जनता घिरी है। ज्ञात हो कि सूचना सचिव अनुपम कुमार का कहना है कि 18 जुलाई से पटना शहर के 25 अस्पतालों में एंटीजन टेस्ट की सुविधा प्रारंभ की गयी है, जो भी सिम्टोमैटिक लोग हैं, वे इन अस्पतालों में जाकर अपनी जांच निःशुल्क करा सकते हैं। एक तरह से यह ऑन डिमांड सुविधा है, जिससे लोगों को काफी राहत मिलेगी। इस प्रकार की सुविधा अन्य जिलों में यथाशीघ्र प्रारंभ करने को लेकर तैयारी की जा रही है। कई जगह के अस्पतालों से लोगों की कुछ शिकायतें भी सामने आ रही थीं। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने हर अस्पताल में विशेष रूप से जो कोरोना संक्रमण से निवारण हेतु डेडीकेटेड हॉस्पिटल्स हैं, उनमें एक सपोर्ट टीम तैनात करने का निर्णय लिया है। इस सपोर्ट टीम में प्रशासनिक पदाधिकारी, हेल्थ मैनेजर्स और नॉन क्लिनिकल एडमिनिस्ट्रेशन में हॉस्पिटल से जुड़े लोग रहेंगे। सपोर्ट टीम मुख्यतः लोगों की षिकायतों के निवारण, उनकी लाइजनिंग और बेहतर प्रबंधन बनाये रखने का काम करेगी। एक तरह से यह टीम कंट्रोल रूम के रूप में काम करेगी। विज्ञापन के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जायेगा। अखबारों में टेलिफोन नंबर्स भी प्रकाशित किये जायंेगे ताकि कहीं से भी लोग स्वास्थ्य संबंधी परामर्श, आवश्यक सूचना देने के साथ-साथ अपनी शिकायतें भी दर्ज करा सकें। इस सपोर्ट टीम के लोग शिफ्ट में काम करेंगे ताकि लोगों को किसी प्रकार की समस्या न हो।