पटना। द न्यूज़। ( विद्रोही)। भाजपा व जदयू की नेता की माने तो पीएम और सीएम के सौगात से बिहार थई थई हो गया है । अब जनता खुद महसूस करे कि वह कितना थई थई हुए हैं। यदि वाकई में सौगात जमीन पर उतर गई तो बिहार के मस्तक से पिछड़ा राज्य का दाग मिटाने में काफी योगदान होगा। बिहार में चुनाव को देखते हुए मतदाताओं को लुभाने के लिये होड़ मची है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हजारों करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास कर दिया है। इसके पहले बिहार के लिए एक लाख 25 हजार करोड़ का पैकेज घोषित हो चुका है। सरकार की माने तो इनमें से अधिकतर जमीन पर उतरना शुरू कर दिया है। हाल ही में कोरोना की मार से राहत देने के लिए पूरे देश मे 20 लाख करोड़ के पेकेज की घोषणा हुई है। चूंकि बिहार में डबल इंजन की सरकार है तो इस 20 लाख करोड़ के पैकेज का बड़ा हिस्सा अवश्य बिहार को मिलने जा रहा है।
हजारों करोड़ की राशि की घोषणा बिहार के लिए हो रही है, किन्तु भौतिक रूप से किसी के पॉकेट में एक पैसा भी जा रहा है या नहीं यह महसूस करने की बात है। 12 करोड़ की जनसंख्या वाले इस प्रदेश जे एक- एक व्यक्ति को यदि एक-एक करोड़ दे दिया जाता तो सारे के के दुख खत्म हो जाते। आवंटन की इस राशि को सरकार अपने हाँथ में रखकर प्रबंधन करती ताकि कोई एक मुश्त राशि खर्च न कर सके। एक ही दिन में प्रति व्यकि आय का औसत सुधर जाता। प्रत्येक व्यकि के खाते में 15 लाख देने संबंधी नमो सरकार के प्रतिबिम्ब से भी छुटकारा मिल जाता।
21 सितंबर को पीएम द्वारा 14260 करोड़ की योजनाओं का झड़ी लगाने के बाद आज 22 सितंबर को मुख्यमंत्री दर्जनों योजनाओं का शिलान्यास किये। उन्होंने 4733 करोड़ की लागत से एक मुश्त सड़क व पुल से जुड़ी 200 योजनाओं का शिलान्यास किया। साथ ही उन्होंने गया जिले में फल्गु नदी के तट पर विष्णुपद मंदिर के निकट पूरे वर्ष जल उपलब्ध कराने की योजना के साथ जलसंसधन विभाग की कई योजनओं का सौगात दिया। इतना ही नहीं सीएम ने 2814.47 करोड़ की लागत से सवास्थ्य विभाग की 77 योजनाओं का शिलान्यास किया। साथ ही उन्होंने 22.68 करोड़ की पर्यावरण योजनाओं का शिलान्यास किया।