लो आ गया हथिया नक्षत्र !बिहार में बारिश की आफत। सीएम ने की समीक्षा। चार गांव किया जा रहा है शिफ्ट

28, 29 और 30 सितंबर को नेपाल में 300 मिलीमीटर तक बारिश होने की आशंका को देखते हुये एहतियात के तौर पर पिपरासी बांध के आसपास के चार गांवों के लोगों को शिफ्ट करने का लिया गया फैसला

पटना (द न्यूज़)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के कई जिलों में हो रही
भारी बारिश एवं भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी अलर्ट के आलोक में आज 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में आपदा प्रबंधन विभाग एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की।

प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन प्रत्यय अमृत ने अररिया, मधेपुरा, कटिहार, पूर्णिया, सीतामढ़ी, किशनगंज, बगहा, सहरसा, सुपौल, मुजफ्फरपुर, नवगछिया, भागलपुर सहित बाढ़ प्रभावित इलाकों, नदियों के बढ़े जलस्तर, नदियों पर बने बाँध की वर्तमान स्थिति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में पर्याप्त
संख्या में नावों की व्यवस्था की गयी है। इसके साथ ही पॉलीथिन सीट्स एवं हर जरूरी सामग्री उपलब्ध करा दी गयी है। प्रभावित इलाकों में एसडीआरएफ एवं
एनडीआरएफ टीम की तैनाती की गयी है। गुवाहाटी से आने वाली एनडीआरएफ की
टीम भी पहुॅच चुकी है और उसे प्रभावित इलाकों में भेज दिया गया है। मुख्यमंत्री को
जानकारी दी गयी कि तेज और निरंतर बारिश से भागलपुर में गंगा नदी का जलस्तर करीब 4 सेंटीमीटर बढ़ चुका है लेकिन फरक्का बराज से 19 लाख क्यूसेक के हिसाब से पानी
डिस्चार्ज होने के कारण आज रात तक जलस्तर कम होने की उम्मीद है। वहीं नवगछिया में जमींदार बांध की स्थिति ठीक है, जबकि खगड़िया में भी जलस्तर में कमी आ रही है। 28, 29 और 30 सितंबर को नेपाल में 300 मिलीमीटर तक बारिश होने की आशंका को देखते हुये एहतियात के तौर पर पिपरासी बांध के आसपास के चार गांवों के लोगों को शिफ्ट करने का भी फैसला लिया गया है।

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि नेपाल में अगर ज्यादा बारिश होती है तो गंडक, बूढी
गंडक, बागमती सहित पूरा उत्तर बिहार प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि भागलपुर में जलस्तर बढने का क्या कारण है, सिर्फ वर्षा के कारण ही जलस्तर नहीं बढ़ सकता है, इसे भी समझना होगा। खगड़िया में भी सचेत रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पटना में भी विशेष रूप से निगरानी रखनी होगी क्यांकि 1975 और 1976 में पुनपुन नदी का पानी कई गॉवों में प्रवेश कर गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि कल से हथिया नक्षत्र शुरू हो रहा है और
कल शनिवार का दिन भी है। ऐसे में यह मान्यता है कि शनिवार के दिन बारिश शुरू होती है तो तीन दिनों तक लगातार बारिष होती रहती है।
अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में
कम्युनिटी किचेन से काम नहीं चलेगा। प्रभावित लोगों को अधिक से अधिक राहत देने के लिए जगह-जगह रिलीफ कैम्प की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। इसके अलावा जिन गांवों में पानी प्रवेश कर गया है, वहां के लोगाें को शिफ्ट कर सुरक्षित स्थानों पर तत्काल पहुँचाने का प्रबंध करें। उन्होंने प्रभावित इलाकों में जिलाधिकारियों को हर वक्त चौकस रहने के निर्देश
दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे कल वीडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से बाढ़ प्रभावित इलाकों की वर्तमान स्थिति से अवगत होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा से प्रभावित लोगों के लिये सरकार पूरी तरह से सजग है और हमें उम्मीद है कि इस बार भी लोगों को कोई परेशानी नही होने देंगे।
समीक्षा बैठक में जल संसाधन मंत्री संजय झा, मुख्य सचिव दीपक कुमार, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद, सचिव जल संसाधन
संजीव कुमार हंस, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, सचिव परिवहन सह आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित अन्य वरीय
अधिकारी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *