थाने के अंदर मुंह लपलपाते रह गए आईएएस अधिकारी, नहीं दर्ज हुआ एफआईआर। जिसकी लाठी उसी की भैंस!

पटना। द न्यूज़।जनता देश की बदहाली, क्रूर शासन व गुलामी के लिए अंग्रेजी हुकूमत को दोष देती है। लेकिन आज कुछ घटनाएं देखकर अंग्रेजी हुकूमत भी शर्म से पानी पानी हो जाती होगी। यूपी में एक आईएएस अधिकारी ने दौड़ा दौड़ा कर एक पत्रकार को पीटा और आज बिहार की राजधानी पटना में एक आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार चार घंटे तक थाने में इंतजार करते रहे किसी ने एफआईआर दर्ज नहीं की। चार घंटे मुंह सुख जाने के बाद वह वापस लौट गए। अपने को सुधीर कुमार जालसाजी के तहत जेल भेजे जाने के खिलाफ थाने में एफआईआर रिपोर्ट दर्ज कराने गए थे। जिसमेें नीतीश कुमार को भी लपेटा गया है। हालांकि सुुुधीर कुमार एफआईआर दर्ज कराने में सफल नहीं रहे।थानेदार एफआईआर की कॉपी लेकर थाना छोड़कर चले गए। जाहिर है थानेदार ने वाहवाही लूटने के लिए शिकायत की कॉपी आला ऑफिसर तक पहुंचा दी होगी। कुल मिलाकर बिहार की कानून व्यवस्था व सुशासन की यह स्थिति है। यदि नीतीश कुमार खुद ईमानदार हैं तो उन्हें उस थानेदार के खिलाफ करवाईं के निर्देश देने चाहिए। ज्ञात हो कि यह वही सुधीर कुमार हैं जिन्हें काला नकाब पहनाकर नीतीश सरकार ने जेल भेज दिया था। जेल से बरी होकर सुधीर कुमार फिर बिहार सरकार में सेवा दे रहे हैं। जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री हुआ करते थे तो सुधीर कुमार उनके खास अधिकारियों में शुमार थे। सुधीर कुमार के साथ उस केस में तेज तर्रार सीके अनिल को भी जलालत झेलनी पड़ी थी।