क्या कहते हैं समीर कुमार महासेठ, उद्योग मंत्री, बिहार सरकार
बिहार बिजनेस कनेक्ट 2023
निवेशकों और उद्यमियों की विशेष मांग पर बिहार सरकार ने बिहार लाॅजिस्टिक पाॅलिसी-2023 बनायी है जिसके संबंध में अधिसूचना 09 दिसम्बर, 2023 को जारी कर दी गई। विश्व भर के निवेशकों और उद्यमियों को बिहार में उद्योग लगाने तथा निवेश के लिए आमंत्रित करने के लिए आयोजित बिहार बिजनेस कनेक्ट-2023 के आयोजन के ठीक पहले बिहार सरकार की इस नीति के दूरगामी प्रभाव होंगे। निवेशक बिहार में निवेश करने तथा नये उद्योग लगाने के लिए आकृष्ट होंगे। वस्तुतः बिहार सरकार औद्योगिक विकास एवं समाजिक विकास हेतु अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की आधारभूत संरचना एवं सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु कटिबद्ध है। राज्य सरकार विभिन्न औद्योगिक प्रक्षेत्रों यथा- वस्त्र एवं कपड़ा, लाॅजिस्टिक, फूड प्रोसेसिंग, छोटे मशीनों के निर्माण, पर्यटन, सूचना प्रौद्योगिकी एवं गैर परम्परागत ऊर्जा उद्योग के विकास के लिए प्रयत्नशील है।
लाॅजिस्टिक किसी भी क्षेत्र के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। साथ ही बैकवर्ड और फाॅरवर्ड लिंकेज के लिए भी अतिमहत्वपूर्णं है। घरेलू एवं वैश्विक निवेशक बड़ी संख्या में भारत को एक महत्वपूर्णं बाजार के रूप में देख रहें है। विशेषकर ई-काॅमर्स खुदरा प्रक्षेत्र के उदय से आये बदलाव के कारण आरम्भ से अन्त तक लाॅजिस्टिक समय की मांग है क्योंकि नया विचार (नवाचार) इन क्षेत्रों मंे सुधार हेतु आवश्यक है। आरम्भ से अन्त तक लाॅजिस्टिक समय की मांग है, विशेषतः तब जब मांग का बहुत बड़ा क्षेत्र उपेक्षित है। टियर-प्प्ए टियर-प्प्प् शहर हवाई सुविधाएं, हाईब्रिड सेवाओं का इन्तजार बेसब्री से कर रहे है। इसमें थर्ड पार्ट लाॅजिस्टिक के तेजी से बढ़ने की उम्मीद हैं क्योंकि यह ई-रिटेलरों का मांग में लचीलापन अपनाये रखने की अनुमति हल्के कार्यबल पदचिन्ह् के साथ देता है।
राज्य में निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए उत्कृष्ट कार्यप्रणाली को अपनाया जा रहा है, जिसमें राज्य में रोजगार सृजन के साथ नागरिकों का भी कल्याण हो। महत्वपूर्णं प्रक्रियाएं जो अपनायी गई है उसमें मुख्यतः राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद, सिंगल विण्डों क्लियरेंस, आॅनलाईन भुगतान, आॅनलाईन वेरिफिकेशन, स्व-अभिप्रमाणित, समयबद्ध लाईसेन्स क्लियरेंस, आॅनलाईन सूचना (जानकारी), स्टैन्डर्ड आॅपरेटिव प्रोसेड्योर फाॅर अप्रूवल, डिम्ड अप्रूवल इत्यादि। बिहार सरकार तीव्र इच्छा के साथ औद्योगिक विकास को आवश्यक प्रोत्साहन देने के लिए कौशल विकास, कौशल क्षमता में वृद्धि एंव क्षमता निर्माण का कार्य पूरे राज्य में कर रही है।
सरकार की नई लाॅजिस्टिक नीति राज्य में लाॅजिस्टिक क्षेत्र को संभावित निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बनाने के लिए बनाया गया है। लाॅजिस्टिक नीति राज्य मेें कार्यान्वित किये जाने के व्यापक रूपरेखा को परिभाषित करती है जो लाॅजिस्टिक उद्योगों के विकास में सहायक होगी। इस नीति का लक्ष्य बिहार को एक लाॅजिस्टिक प्रतिस्पद्र्धी राज्य के रूप में स्थापित करना है। साथ ही इस नीति का उद्देश्य निवेशकों का पंसदीदा डेस्टिनेशन, क्षेत्रीय विकास करना एवं निर्यात में विविधता के साथ बढ़ोतरी तथा लचीले आर्थिक विकास के माध्यम से लोगों को रोजगार के अवसर उत्पन्न करना है।
लाॅजिस्टिक सेक्टर में वेयरहाउसिंग, शिपिंग, रेल, सड़क, हवाई माल ढुलाई, एक्सप्रेस कार्गो एवं अन्य मूल्यवर्द्धित सेवाएँ शामिल हैं। विश्व स्तर पर इसका औसत वार्षिक कारोबार 08 ट्रिलियन डाॅलर से अधिक है और 2019 में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 11 प्रतिशत हिस्सा लाॅजिस्टिक क्षेत्र का है। ऐसी उम्मीद है कि लाॅजिस्टिक वित्तीय वर्ष 2023-24 में 15522.02 बिलियन अमेरिकी डाॅलर तक पहुंच जाएगा।
वर्ष 2019 में भारतीय लाॅजिस्टिक व्यापार 160 बिलियन अमेरिकन डाॅलर था। विश्व रैंकिग में देश का लाॅजिस्टिक प्रदर्शन सूचंकाक (एल0पी0आई0) में समग्र रूप से वर्ष 2014 में 54 से वर्ष 2018 में 44 रैंक का सुधार हुआ। आर्थिक उदारीकरण के उपरांत यह क्षेत्र मात्र परिवहन के माध्यम के रूप में लम्बा सफर तय कर चुका है। एकीकृत सेवा प्रदाता के रूप में यह प्रक्षेत्र विकसित होते हुए शानदार वृद्धि दर्ज की है एवं उपभोक्ता बाजार खुदरा बाजार से ई-रिटेल की ओर स्थान्तिरित हो गया है। इस क्षेत्र में नई पहल, नई नीति के बावजूद यह प्रक्षेत्र अभी भी अस्त-व्यस्त बना हुआ है और इसमें अधिक सुधारों की मंाग है। विकास के रफ्तार को प्राप्त करने के लिये देश में लाॅजिस्टिक प्राथमिकता का क्षेत्र है। वर्ष 2017 में आधारभूत संरचना की स्थिति, थ्क्प् मानदण्डों में ढील, जी0एस0टी0 का कार्यान्वयन में सकारात्मक बदलाव नियामक पारिस्थितिकतंत्र, भारतमाला, सागरमाला, मेक-इन इण्डिया के माध्यम से सुधार किये गये। परिवहन, भंडारण सहित लाॅजिस्टिक के सभी पहलुओं में विकास के अवसरों के लिए प्रोत्साहन माल अग्रेसन, एक्सपे्रस कार्गो डिलिवरी, कंटेनर सेवाएं के जरिये वृद्धि हुई। लाॅजिस्टिक प्रक्षेत्र में विकास के संदर्भ में वेयर हाउसिंग एवं उससे संबद्ध कार्यकलाप महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है, जैसे- भू-अर्जन, श्रम, पूंजी एंव उद्यमिता इत्यादि।
बिहार परिदृश्य
बिहार को अपने भौगोलिक विशिष्टताओं के कारण विशाल बाजारों से निकटता का लाभ प्राप्त है। पूर्वी, मध्य एवं उतरी भारत, नेपाल, दक्षिण पूर्व एशिया एवं शेष भारत से जुड़े रहने के कारण बिहार एक अन्तर्राष्ट्रीय बाजार का परिदृश्य प्रस्तुत करता है। बिहार आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 के अनुसार, बिहार सकल राज्य घरेलू उत्पाद 2019-20 में घरेलू उत्पाद में 10.5 प्रतिशत स्थिर मूल्य की वृद्धि हुई जो राष्ट्रीय औसत विकास दर से अधिक है। हवाई परिवहन, भंडारण और अन्य सेवाओं का रैंक भी राज्य में तीव्र है। भारत, नेपाल के मध्य मोटर व्हीकल एग्रीमंेट के द्वारा और अधिक लाभ उठा सकता है। भूमि से घिरे नेपाल के बगल में होने के कारण नेपाल के वीरंगज में कंटेनर डिपो (ड्राई पोर्ट) जो रक्सौल शहर के 10 किलोमीटर से कम दूरी पर स्थित है के जरिये इस स्थिति का और अधिक लाभ उठा सकता है क्योंकि अन्तर्देशीय बंगलादेश, भूटान सीमा भी राज्य से सटे हुए है। हर प्रकार की लाॅजिस्टिक को एक साथ उपलब्ध कराने के लिए फतुहा में मल्टी-माॅडल लाॅजिस्टिक पार्क की स्थापना प्रस्तावित की गई है।
नीति की आवश्यकता
राज्य के स्थायी औद्योगिकीकरण के लिये वेयर हाउसिंग और लाॅजिस्टिक जैसे बुनियादी ढ़ाचें का विकास अतिआवश्यक है। सुदृढ़ वेयर हाउसिंग और लाॅजिस्टिक क्षेत्र से घरेलू एवं अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में राज्य के उत्पादित वस्तुओं की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। इस क्षेत्र में वृद्धि की असीम सम्भानाएँ हंै। यह नीति राज्य में विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन के लिए बेहतर होगी, जिस राज्य का जी0एस0डी0पी0 बेहतर होगा। बिहार सरकार की यही सोच बिहार लाॅजिस्टिक नीति, 2023 की परिकल्पना का आधार है। बिहार में तीव्र गति से हो रहे औद्योगिकरण ने परिष्कृत आधारभूत सरंचना के साथ उच्च लाजिस्टिक की आवश्यकता है। जी0एस0टी0 लागू होने के बाद भारत एक एकीकृत बृहत बाजार बन गया है, जिसको देखते हुए राज्य में भी विनिर्माण एवं भंडारण केन्द्र के उभरने की अपार सम्भावनाएँ हंै। राज्य में वर्तमान में पर्याप्त भंडारण क्षमता नहीं होने के कारण बढ़ती भंडारण की मांग को पूरा करने के लिए भंडारण क्षमता का विस्तार करना होगा, जिसे इस नीति के माध्यम से अधिक बल दिया गया है। इस नीति के माध्यम से बिहार सरकार निम्नलिखित निवेश आकर्षित करने का विचार रखती है:-
पण् वेयर हाउसिंग, कोल्ड स्टोरेज और संबंधित बुनियादी ढ़ांचा।
पपण् वास्तविक समय में लाॅजिस्टिक में तकनीकी समाधान, आपूर्ति श्रृंखला का प्रबंधन का उन्नयन और प्रक्रिया का विकास।
पपपण् वेयर हाउसिंग एवं लाॅजिस्टिक्स में रोबोटिक्स और आॅटोमेशन प्रौद्योगिकीयाँ।
पअण् कौशल विकास और प्रशिक्षण।
इसके अतिरिक्त अन्य श्रेणीयाँ भी हो सकती है।
यह नीति अगले पांच वर्षों मंे राज्य के वेयर हाउसिंग एवं लाॅजिस्टिक क्षेत्र के विकास के लिए रणनीतिक दिशा प्रदान करती है तथा राज्य के औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 के दृष्टिकोण और उद्देश्यों को आगे बढ़ाती है।
नीति का उद्देश्य
(क) राज्य में फाॅरवार्ड एण्ड बैकवार्ड लिंकेज को सुव्यवस्थित करने के लिए लाॅजिस्टिक सुविधाएं स्थापित करने में निजी निवेश को प्रोत्साहित करना।
(ख) वर्तमान भंडारण और लाॅजिस्टिक बुनियादी ढ़ांचे के बढ़ावा देने के उद्देश्य से लाॅजिस्टिक क्षेत्र के उन्नयन एवं आर्थिक गतिविधियों में सुधार करते हुए बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन करना।
(ग) भंडारण क्षमता में वृद्धि के लिए प्राथमिक एवं गैर प्राथमिक क्षेत्र में वृद्धि करना।
(घ) राज्य में हरित एवं नवीन कार्यप्रणाली को प्रतिस्पर्धी लाॅजिस्टिक बुनियादी ढ़ांचे को विकसित करना।
क्षेत्र एवं संभावनाएँ
भारत सरकार के मान्यताओं के आधार पर लाॅजिस्टिक इकाई को आधारभूत संरचना मानते हुए राज्य सरकार इस नीति के अन्तर्गत मल्टी माॅडल लाॅजिस्टिक पार्क, लाॅजिस्टिक पार्क एवं लाॅजिस्टिक इकाई को प्रोत्साहित करेगी। लाॅजिस्टिक पाॅलिसी के तहत अनेक तरह के प्रोत्साहन दिये गये हैं। लाॅर्जििस्टक पार्क की स्थापना के लिए निम्नलिखित प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। अचल पूंजी निवेश पर कुल निवेश का 20 प्रतिशत जो अधिकतम 20 करोड़ रूपये तक होगा, का पूंजी निवेश अनुदान दिया जाएगा। लाॅजिस्टिक पार्क के विकास के लिए लिये गये टर्म लोन पर 10 प्रतिशत तक या वास्तविक ब्याज दर, जो भी कम हो, की प्रतिपूर्ति की जाएगी जो अचल पूँजी निवेश का 50 प्रतिशत या अधिकतम रु0 60.00 करोड़ रूपये तक होगा। इसके अलावे बिहार राज्य औद्योगिक प्रोत्साहन नीति, 2016 के तहत कर संबंधी प्रोत्साहन, कौशल विकास अनुदान, रोजगार लागत अनुदान, स्टाम्प शुल्क/पंजीकरण शुल्क में छूट तथा भूमि सम्परिवर्तन शुल्क में छूट की व्यवस्था की गई है।
लाॅजिस्टिक्स इकाई की स्थापना के लिए भी प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है। सभी प्रकार की लाॅजिस्टिक इकाइयों में पंूजी निवेश पर अचल पूंजी निवेश का 20 प्रतिशत पूंजी निवेश अनुदान की व्यवस्था की गई है जो इन्लैण्ड कंटेनर डिपो के मामले में अधिकतम 10 करोड़ रूपये, वेयरहाउस के मामले में अधिकत 6 करोड़ रूपये, कोल्ड चैन के मामले में अधिकतम 4 करोड़ रूपये तथा कंटेनर फ्रेट स्टेशन के मामले में अधिकतम 3 करोड़ रूपये होगा। परियोजना के लिए लिये गये टर्मलोन पर 10 प्रतिशत तक या वास्तविक ब्याज दर, जो भी कम हो, जो अचल पूँजी निवेश का 50 प्रतिशत, अधिकतम रु0 30.00 करोड़ तक के ब्याज अनुदान तथा बिहार राज्य औद्योगिक प्रोत्साहन नीति, 2016 के तहत सभी प्रोत्साहन भी प्राप्त होंगे।
मल्टी माॅडल लाॅजिस्टिक्स पार्क की स्थापना के लिए 25 करोड़ रूपये तक के पूंजी निवेश अनुदान की व्यवस्था की गई है। पार्क की स्थापना के लिए लिये गये टर्मलोन पर 10 प्रतिशत तक या वास्तविक ब्याज दर, जो भी कम हो, जो अचल पूँजी निवेश का 50 प्रतिशत, अधिकतम रु0 60.00 करोड़ तक के ब्याज अनुदान का प्रावधान है। साथ ही इकाई को बिहार राज्य औद्योगिक प्रोत्साहन नीति, 2016 के तहत सभी प्रोत्साहन भी प्राप्त होंगे।
लाॅजिस्टिक नीति में सबका ख्याल रखा गया है। विशेष वर्ग के उद्यमियों के लिए बिहार लाॅजिस्टिक नीति के तहत विशेष प्रोत्साहन पैकज की व्यवस्था की गई है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, अतिपिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, महिलाएं, विशेष रूप से सक्षम व्यक्ति, वार विडोज, एसिड अटैक पीड़ित और थर्ड जेंडर के उद्यमियों के लिए ब्याज अनुदान की अधिकतम सीमा सामान्य से 15 प्रतिशत अधिक रखी गयी है। नयी लाॅजिस्टिक पाॅलिसी बिहार के औद्योगिक वातावरण को बेहतर बनाने में मददगार साबित होगी।