नीतीश ने नहीं मानी भाजपा की राय। भाजपा ने नीतीश पर उठाए सवाल,कहा आखिर रात में कर्फ्यू लगाने से कैसे रुकेगा कोरोना का प्रसार

पटना। द न्यूज़।(विद्रोही)। कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए भाजपा द्वारा दिये सुझाव को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक सिरे से ठुकरा दिया। बतौर डॉक्टर व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने शुक्रवार रात से सोमवार सुबह तक लॉक डाउन लगाने का सुझाव दिया था। उन्होंने रात्रि कर्फ्यू पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जायसवाल ने फेसबुक पर तर्क के साथ अपनी बात रखी है। जायसवाल ने कहा कि आज पूरा विश्व करोना की चर्चा कर रहा है पर चीन देश की चर्चा कोई नहीं कर रहा । पूरे विश्व को विनाश के गर्त में डालने वाला चीन आज कहीं चर्चा में नहीं है । चिकित्सकों से लेकर आम आदमी तक मे इस बात की चर्चा हो रही है कि यूके स्ट्रेन , ब्राजील स्ट्रेन, न्यूयॉर्क स्ट्रेन ,अफ्रीका स्ट्रेन जैसे न्यू म्यूटेंट वायरस चल रहे हैं पर चाइनीस करोना वायरस की चर्चा कहीं नहीं है जिसने पूरे विश्व को बर्बाद कर दिया । पूरे विश्व को चाइना का विरोध करना चाहिए । जब हम विभिन्न देशों पर म्युटेंट् स्ट्रेन का नाम रख सकते हैं तो हर हालत में हमें चाइनीस कोरोना वायरस नाम से ही इस बीमारी की पहचान करनी चाहिए।

बिहार सरकार ने बहुत सारे फैसले लिए हैं जो आज की परिस्थिति में बहुत अनिवार्य हैं। जैसवाल ने कहा, मैं कोई विशेषज्ञ तो नहीं हूं फिर भी सभी अच्छे निर्णयों में इस एक निर्णय को समझने में असमर्थ हूं कि रात का कर्फ्यू लगाने से करोना वायरस का प्रसार कैसे बंद होगा । अगर करोना वायरस के प्रसार को वाकई रोकना है तो हमें हर हालत में शुक्रवार शाम से सोमवार सुबह तक की बंदी करनी ही होगी । घरों में बंद इन 62 घंटों में लोगों को अपनी बीमारी का पता चल सकेगा और उनके बाहर नहीं निकलने के कारण बीमारी के प्रसार को रोकने में कुछ मदद अवश्य मिलेगी।वैसे करोना प्रसार रोकने की महाराष्ट्र में सर्वोत्तम स्थिति यही रहती कि 4 दिन रोजगार और 3 दिन की बंदी। बिहार में अभी इसकी जरूरत नहीं है पर अगर हम हफ्ते में 2 दिन कड़ाई से कर्फ्यू नहीं लगा पाये तो हमारी स्थिति भी महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ जैसी हो सकती है।

सर्वदलीय बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने दिया था ‘5 दिन रोजगार-2 दिन कोरोना पर प्रहार’ का मंत्र। बिहार में कोरोना के बढ़ रहे प्रसार को लेकर 17 अप्रैल को आयोजित सर्वदलीय बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जयसवाल ने कोरोना आपदा से लड़ने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए. उन्होंने ‘5 दिन रोजगार-2 दिन कोरोना पर प्रहार’ का सुझाव देते हुए शुक्रवार शाम 6:00 बजे से सोमवार की सुबह 8:00 बजे तक पूर्ण लॉकडाउन लगाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि प्रत्येक सप्ताह 62 घंटे की बंदी से कोरोना का चेन ब्रेक होगा, जिससे संक्रमण की दर घटेगी. इसके लिए बृहस्पतिवार से ही जनता जागरूक करना शुरू कर देना होगा जिससे किसी को कोई समस्या ना हो. उन्होंने कहा कि दो-तीन दिन की सब्जी और अन्य आवश्यक सामग्रियां कोई भी आसानी से घर में रख सकता है. लोगों के घर में रहने से न केवल इस आपदा पर काबू पाने में सहायता मिलेगी बल्कि आम जनता भी सुरक्षित रहेगी.कोरोना वायरस के इस नए स्वरूप से बच्चों में फैल रहे संक्रमण पर चिंता जाहिर करते हुए डॉ जायसवाल ने 18 अप्रैल से 1 जून तक गर्मी की छुट्टी घोषित कर देने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि इस कदम से बच्चों और स्कूल के कर्मियों को कम से कम नुकसान होगा. बच्चों की पढ़ाई का नुकसान ना हो इसके लिए आवश्यकता पड़ने पर दशहरे और जाड़े के समय होने वाली छुट्टियां कैंसिल करके कम से कम डेढ़ सौ दिन क्लास चलाए जा सकते हैं.तीसरा सुझाव देते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर बिहार के बेतिया, मधेपुरा, दरभंगा जैसे जिलों में कोविड से निपटने के लिए एक भी डेडिकेटेड अस्पताल नहीं है, इस दिशा में कारवाई तुरंत प्रारंभ की जाए. हर कमिश्नरी में जिस अस्पताल में सबसे अधिक ऑक्सीजन उपलब्ध हो, उस एक अस्पताल को डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल घोषित कर दिया जाए और चिकित्सकों की कमी को देखते हुए सभी विभागों के चिकित्सकों की डीसीएच में तैनाती की जाए. उन्होंने कहा कि हमें समझना होगा कि चिकित्सक कोई पीपीइ किट नहीं है जिसके 2020 मार्च से अभी तक में हम विश्व के दूसरे बड़े एक्सपोर्टर बन गए हैं. एक चिकित्सक को तैयार करने में 10 से 11 साल लगते हैं. पहले की सरकार के समय की कुव्यवस्था और बिहार में नौकरी न मिलने की वजह से हमारे अधिकांश चिकित्सक अन्य राज्यों में चले गए. उस समय की सरकार की द्वारा की गई ऐतिहासिक भूल की सजा हमें आज तक झेलनी पड़ रही है.केंद्र व राज्य सरकार की प्रशंसा करते हुए डॉ जायसवाल ने कहा कि बिहार सरकार और भारत सरकार ने नए मेडिकल कॉलेज खोलने का जो ऐतिहासिक कार्य किया है, उसका प्रतिफल 2025 तक मिलेगा, वहीं 2030 तक हर पंचायत में सरकारी चिकित्सकों की उपलब्धता हो जाएगी. अन्य सुझाव देते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को अपनी जान हथेली पर लेकर कोरोना से जूझने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स का विशेष ख्याल रखना चाहिए. उनके लिए हर समय कम से कम 50 बेड रिजर्व रखने चाहिए, जिससे संक्रमण की चपेट में आने पर इन योद्धाओं को कोई परेशानी न हो. इसके अलावा हमें ट्रेन के माध्यम से दिल्ली और महाराष्ट्र से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जांच करनी चाहिए, वहीं अन्य राज्यों से आने वाले ट्रेनों में रेंडम सैंपल के जरिए टेस्ट किये जा सकते हैं. इसके अलावा चंपारण के डीएम के साथ हुई बैठक में जिले में कहीं भी रेमडीसिवर और टोसिलीजुमैब की उपलब्धता न होने के बारे में बताते हुए डॉ जायसवाल ने इस तरह की जीवनरक्षक दवाइयों की उपलब्धता हर जिले में सुनिश्चित करवाने का अनुरोध किया.