अब दर्जनों जाएंगे जेल! नौकरी देने वाले व नौकरी पाने वाले।लालू परिवार के 17 ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी से खुलेंगे कई राज

पटना। द न्यूज़। दिल्ली , पटना व गोपालगंज समेत लालू परिवार के 17 ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी से कई राज तो खुलेंगे ही साथ ही लालू परिवार की मुश्किलें और बढ़ जाएगी। वर्ष 2004 से वर्ष 2009 के बीच रेलवे की नौकरी की बंदरबाट हुई थी। जिसके पास पैसे थे उसने नकद गिनकर नौकरी ले ली और जिसके पास पैसे नहीं थे उसने जमीन देकर नौकरी ली। सामाजिक न्याय का चादर ओढ़कर नौकरी बेचने का जबरदस्त कारोबार हुआ। योग्य उम्मीदवार परीक्षा देते रहे और अयोग्य बिना परीक्षा के नौकरी ले उड़े।

भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने श्रृंखला बद्ध प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लालू का पोल खोला था। उन्होंने सार्वजनिक तौरपर कहा था कि किस तरह जमीन के बदले रेलवे में नौकरी दी गई। इस संदर्भ में सुशील मोदी ने एक पुस्तक भी लिखा है। एक तरह से मोदी ने लालू परिवार का काला चिट्ठा उजागर कर दिया था।

लेकिन गंभीर बात यह भी है कि एक तरफ सीबीआई राबड़ी आवास पर जांच कर रही थी तो दूसरी तरफ गेट के बाहर राजद समर्थक सीबीआई के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। समर्थकों की भीड़ उग्र थी और प्रशासन मूक बना देख रहा था। सीबीआई अधिकारियों के जान के खतरे उपस्थित हो गए। आखिर किसके बल पर राजद समर्थक उग्र हुए। क्या जांच एजेंसियों को धमकाया जाएगा। इस मामले पर नीतीश कुमार को विचार करना चाहिए।