पटना। द न्यूज़। बिहार में 5 राज्यसभा की सीटों के लिए 10 जून को चुनाव होना है और इसके लिए राजनीतिक गोटियां बैठाई जा रही है। जदयू की तरफ से नीतीश कुमार ने इस बार अनिल हेगड़े को टिकट देकर करोड़ों जमीनी कार्यकताओं का सम्मान किया है वहीं राजद एक फिर परिवारवाद के मोह से दबा नजर आ रहा है। जाहिर है लालू अपनी बेटी मीसा भारती को फिर राज्यसभा भेजेंगे। यानी राजद कार्यकर्ता केवल पार्टी का झंडा उठाये रखें। एनडीए और राजद में यही फर्क है। यदि नीतीश कुमार चाहते तो अपने पुत्र को किसी भी सदन में भेज सकते थे किंतु उन्होंने ऐसा नहीं किया। पार्टी में अनिल हेगड़े केंद्रीय मंत्री आरसीपी से काफी वरिष्ठ हैं। लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला था। एक समय हेगड़े के जलवे थे जब जार्ज फ़र्नान्डिस रक्षा मंत्री हुआ करते थे। अनिल हेगड़े उनके दाएं हांथ थे। जॉर्ज से मुलाकात बिना हेगड़े के संभव नहीं था। जब जॉर्ज गुजर गए तो कर्नाटक के रहने वाले अनिल हेगड़े ने बिहार को कर्मस्थली बना लिया। लंबे अरसे के बाद पार्टी ने उन्हें सम्मान दिया। अब देखना है कि आरसीपी का क्या होगा। ऐसा लगता है कि भाजपा के सहयोग से नीतीश राज्यसभा पहुंचेंगे और भाजपा को बिहार में खड़ाऊं मिलेगी। हालांकि आरसीपी key पोजीसन पर ही रहेंगे।

श्री हेगड़े पिछले 38 साल से सियासत में सक्रिय रहे है। पहले भारतीय जनता पार्टी फिर जनता दल और समता पार्टी के बाद जेडीयू। अनिल हेगड़े ने श्री रामकृष्ण हेगड़े के साथ जनता पार्टी में काम किया बाद में वे स्वर्गीय जाॅर्ज फर्नांडिस और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर के भी करीबी रहे।
अनिल हेगड़े की गिनती समाजवादी विचारधारा के प्रति पूरी तरह समर्पित नेताओं में होती है। डंकन प्रस्ताव हो या फिर कांडला पोर्ट पर हड़ताल श्री अनिल हेगड़े इन सभी में शामिल रहे। आर्थिक उदारीकरण के प्रबल विरोधी अनिल हेगड़े 1994 से 2008 तक जाॅर्ज फर्नांडिस के खास रहे। पार्टी के प्रस्ताव बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहा करती थी।
कर्नाटक के उडुपी जिले के एक साधारण परिवार में जन्मे अनिल हेगड़े के पिता किसान थे। अनिल हेगड़े पिछले 12 साल से पटना में जेडीयू कार्यालय में ही रहते हैं। सादगी के लिए कार्यकर्ताओं के बीच खास पहचान रखने वाले अनिल हेगड़े की गिनती ऐसे नेताओं में होती है जिन्हें कभी किसी पद का लोभ मोह नहीं रहा। जेडीयू नेताओं और कार्यकर्ताओं की मानें तो अनिल हेगड़े ने पार्टी की सत्ता में होने के बाद भी कभी किसी पद की मांग नहीं की वह पार्टी के निर्वाचन अधिकारी के साथ कई अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भी रह चुके हैं अनिल हेगड़े के लिए कहा जाता है कि वे सोशलिस्ट विचारधारा के फकीर नेता हैं। आज के दौर में पार्टियां धनबल से मजबूत नेताओं को राज्यसभा भेजती हैं लेकिन जेडीयू की ओर से अनिल हेगड़े को राज्यसभा भेजने का फैसला किया है, जो कि एक मिशाल कायम किया है। इसके लिये मैं हमलोगों के आदर्श पुरुष एवं जनप्रिय नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार प्रकट करता हूँ।