पटना। द न्यूज़। कोरोना की तीसरी लहर में ओमिक्रोन को लेकर चिंता बढ़ गई है। बिहार में तैयारी तो शुरू हो गयी है पर यह हैरान करने वाली बात है कि ओमिक्रोन के एक मरीज की जांच में करीब 12 लाख के खर्चे आएंगे। चाहे 96 सैंपल की जांच हो या एक सैंपल की जांच खर्च उतने ही आएंगे। आईजीआईएमएस में होगा कोरोना पॉजिटिव मरीजों का जिनोम सीक्वेसिंग । इसी बीच स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में आयोजित सहयोग कार्यक्रम में कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर तैयारी शुरू कर दी है । राज्य सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसको लेकर गंभीर है । अभी तक राज्य में नए वेरिएंट का एक भी मरीज नहीं मिला है । बावजूद तैयारियां जोरों पर है । विदेश से आने वाले जो भी व्यक्ति आरटीपीसीआर जांच में कोरोना पॉजिटिव पाया जायेगा , उसका जिनोम सीक्वेसिंग कराया जायेगा , ताकि ओमिक्रॉन की पुष्टि हो सके । स्वास्थ्य विभाग इस नये वेरिएंट की रोकथाम को लेकर लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है और जिलों को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है । श्री पांडेय ने कहा कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में यह सारी बातें विस्तार से हुई । इसके अतिरिक्त कोरोना से बचने के लिए किसी भी व्यक्ति के लिए बड़ा उपाय टीकाकरण है । इसलिए स्वास्थ्य विभाग कोरोना जांच के साथ – साथ टीकाकरण की संख्या बढ़ाने को लेकर विभिन्न पहलुओं पर काम कर रहा है , ताकि नये वेरिएंट को रोका जा सके । कार्यक्रम के दौरान श्री पांडेय ने राज्य भर से आये फरियादियों की समस्याओं को सुन उसके निदान का भरोसा दिया और संबंधित विभाग के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये । सहयोग कार्यक्रम में बखरी , बेगूसराय से अविनाश कुमार , प्रातापंगज , सुपौल से संदीप कुमार , आरा से संजीव पांडेय एवं अरवल से कृष्ण कुमार सेनानी के अलावे अन्य फरियादियों ने अपनी – अपनी समस्याओं को रखा ।