जनता को चौतरफा ठगने का काल है यह कोरोना काल।सावधान जनता आ रही है..

नई दिल्ली (विद्रोही/ द न्यूज़)। कोरोना काल ने इस देश के बहुरूपिया नेताओं के चरित्र को उजागर कर दिया है। कुल मिलाकर इस संकट में जनता को ठगने का काम चल रहा है। नेता अलग ठग रहे हैं। सरकार अलग ठग रही है। कंपनी अलग ठग रही है। सेठ साहूकार अलग ठग रहे हैं। चारों तरफ ठगी का कारोबार चल रहा है। इस ठगी के कारोबार में पत्रकार भी जमकर ठगे जा रहे हैं। अलबत्ता तमाम ठगे हुए लोगों को अभी एहसास नहीं हो रहा है पर वक्त आ रहा है। अगले दो महीने में सभी ठगे लोग सड़क पर होंगें। दो महीने में ही जनता का इस तरह चीरहरण हो जाएगा यह दर्शा रहा है कि देश की अर्थव्यवस्था कितनी खोखली थी।देश की आर्थिक सशक्तिकरण का पोल खुल गया है। जब हमें ऐसे ही तंगहाल रहना है तो किसी भी सरकार की कुर्सी पर क्यों न एक मजदूर को बिठा दें ! चाहे वो केंद्र की सरकार हो या राज्य की सरकार। अभी तो कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को एक महीने का वेतन बंद किया है। दो महीने के वेतनबन्दी के बाद जनता का हाल देखिएगा। आजादी, लोकतंत्र सबका मजाक बन गया। जनता अंदर से कराह रही है पर टीवी, न्यूज़, समाचारपत्र, वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग में सरकार अपना पीठ थपथपा रही है। चाहे राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार सभी किसी न किसी तरह जानता को सपना दिखाकर ठग रहे हैं। जनता के अंदर आग सुलग रही है। पहले कह दिया कि कोई भी कंपनी अपने कर्मचारियों का वेतन न रोके। लेकिन फिर अपना बयान वापस ले लिया। श्रम कानून को इतना लचीला बना दिया कि कर्मचारी व मजदूर गुलाम हो गए। पूरा देश अघोषित गुलामी की त्रासदी झेल रहा है। अभी तो पत्रकार अपनी आवाज प्रखर नहीं कर रहे हैं लेकिन जिस दिन ये बिरादरी एक जुट हो गयी तमाम ठगों का नाश हो जाएगा। इसलिए जनता की सुनो वो सरकार। उस चौथा खंभा की सुनो वो सरकार। नहीं तो , समय आ रहा है। गद्दी खाली करो कि जनता आती है।