पटना ( द न्यूज़)। बिहार तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला ग़रीब राज्य है। 15 वर्षों की एनडीए सरकार की विफलताओं के चलते नीति आयोग के सभी महत्वपूर्ण सत्तत विकास सूचकांकों में सबसे निचले पायदान पर रहने और अब इस महामारी के संकट के कारण बिहार को वैध रूप से विशेष राज्य का दर्जा, एक विशेष समावेशी वित्तीय और चिकित्सा पैकेज की आवश्यकता है।बिहार के संसाधन सीमित है। बीजेपी के नेतृत्व में 15 साल से चली आ रही नीतीश सरकार ने प्रदेश के स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे में विविधता लाने, इंडस्ट्री लगाने, रोज़गार सृजन करने और आधारभूत ढाँचे को बदलते आधुनिक समय की ज़रूरतों के हिसाब से बढ़ाने के लिए कुछ नहीं किया।।
कोरोना महामारी से उत्पन्न संकट करोड़ों ग़रीबों और निम्न आय समूहों के लिए अकल्पनीय, असहनीय और उनके अस्तित्व के लिए पीड़ादायक होगा। हमारी पुरज़ोर माँग है कि इस संकट की घड़ी में ड़बल इंजन सरकार बिहार को अविलंब विशेष राज्य का दर्जा दें। मुझे उम्मीद है डबल इंजन सरकार और माननीय मुख्यमंत्री कम से कम जनादेश अपमान की एवज में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की हमारी माँग पर केंद्र सरकार को राजी करेंगे।