पटना ( द न्यूज़)। जदयू के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे प्रशांत किशोर ने सारी अटकलें खत्म करते हुए साफ किया है कि वह फिलहाल किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे। उनका कहना कि वह पोलिटिकल एक्टिविस्ट के रूप काम करते रहेंगे। अब उनका रोल पोलिटिकल स्ट्रेटिजिस्ट का नहीं रहेगा। जाहिर है पीके अब अपनी पहचान एक राजनीतिक एक्टिविस्ट के रूप में चाहते हैं, न कि एक राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में। प्रशांत किशोर ने बिहार में रहकर बिहार के विकास का दावा फिर दुहराया है। बिहार को अगले 10 वर्षों में टॉप 10 राज्यों की सूची में लाना उनकी अभी भी प्राथमिकता में है। प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया है कि वह फिलहाल किसी पार्टी में शामिल नहीं होंगे। बिहार में महागठबंधन का प्रचार भी नहीं करेंगे। मकसद बस पोलिटिकल एक्टिविस्ट की तरह बिहार को विकसित राज्यों में लाना है। टीएमसी से राज्यसभा में जाने की बात को भी वह बेबुनियाद करार देते हैं। 11 फरवरी को पीके पटना आ रहे हैं। पटना में वह मीडिया से मुखातिब होंगें। ज्ञात हो कि 11 को दिल्ली विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आएगा। इस बार पीके ने अरविंद केजरीवाल के लिए चुनावी रणनीति तैयार की है जिस तरह वह वर्ष 2015 में नीतीश के लिए तैयार की थी। यदि 11 को रिजल्ट केजरी के पक्ष में जायेगा तो फिर पीके की डुगडुगी बजेगी।