अब मंत्री के वाह्य सचिव सरकारी अधिकारियों से मुंह नहीं लगाएंगे। उनके अधिकार सीमित किये गए

पटना। द न्यूज़। शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के के पाठक ने आखिर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के निजी सचिव ( वाह्य) को औकात दिखा ही दी। राज्य सरकार ने के के पाठक के आदेश पर मुहर लगाते हुए मंत्रीगण के सरकारी सचिव व वाह्य सचिव के अधिकारों को रेखांकित कर आदेश जारी कर दिया है। अब मंत्री के वाह्य सचिव अपने मंत्री के लिए टिकट बुकिंग व साक्षात्कार दिलाने का काम करेंगे। इस सन्दर्भ में मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने लिखित आदेश जारी किया है। पत्र में कहा गया है:

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मंत्रिगण के आप्त सचिव (सरकारी) एवं आप्त सचिव (वाय) के कार्यों के आवंटन से संबंधित स्पष्ट आदेश निर्गत नहीं हैं । फलतः इनके कर्त्तव्यों के निर्धारण से संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।

सरकारी आप्त सचिव प्रशासनिक सेवाओं के पदाधिकारी होते है। उन्हें सरकारी नियमों, प्रक्रियाओं आदि की विस्तृत जानकारी एवं कार्यानुभव होता है।

अतः सम्यक विचारोपरांत यह निर्णय लिया गया है कि मंत्रिगण के आप्त सचिव (सरकारी) के द्वारा सरकारी संचिकाओं से संबंधी कार्य, माननीय मंत्री के आदेशानुसार सरकार के पदाधिकारियों से पत्राचार संबंधी कार्य एवं मंत्री द्वारा सौंपे गये अन्य सरकारी कार्य किए जायेंगे। जबकि आप्त सचिव (वाय) का पूर्वानुभव एवं ज्ञान सरकारी आप्त सचिव से भिन्न होने के कारण वे माननीय मंत्री के यात्रा / भ्रमण कार्यक्रम से संबंधित कार्य, गैर-सरकारी महानुभावों एवं सामान्य जन से साक्षात्कार हेतु समय निर्धारण आदि संबंधी कार्य एवं मंत्री द्वारा सौंपे गए अन्य गैर-सरकारी कार्य करेंगे।

आप्त सचिव (वाय) किसी विभागीय अधिकारी के साथ विभागीय कार्य से संबंधित अपने स्तर पर मौखिक विमर्श, समीक्षा, दिशा निर्देश अथवा लिखित पत्राचार नहीं करेंगे।

अनुरोध है कि उपरोक्त व्यवस्था से अपने विभाग के मंत्री तथा सभी विभागीय अधिकारियों को अवगत कराने की कृपा की जाय।