बिहार में लॉक डाउन के दौरान 66 विदेशी गिरफ्तार किए गए गए


ADG Jitendra Kumar

पटना ( द न्यूज़)। एडीजी पुलिस मुख्यालय, जितेन्द्र कुमार ने आज कहा कि जो बाहर से बिहार आए हैं और जिन्होंने वीजा शर्तों का उल्लंघन किया है उन पर फारेनर एक्ट (Foreigner Act) के तहत कार्यवायी करते हुए 7 एफआईआर दर्ज किए गए और 66 विदेशी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया हैं।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में अब तक 18 हजार 1 सौ 79 लोगों के सैंपल की जांच की जा चुकी है। 57 लोग कोरोना संक्रमण से स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। डोर टू डोर स्क्रीनिंग के तहत में अब तक 73 लाख 82 हजार घरों के सर्वेक्षण किए जा चुके हैं, जिनमें 2629 लोगों में बुखार, खाँसी एवं सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण पाए गए, जिनमें से 1906 का सैंपल जाँच के लिए भेजा गया है।
सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सूचना जन-सम्पर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार, स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह, पुलिस मुख्यालय से ए.डी.जी जितेन्द्र कुमार एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डु ने मीडियाकर्मियों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी। सूचना जन-सम्पर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए चर्चा हुई, जिसमें मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने कोरोना संक्रमण को लेकर राज्य सरकार द्वारा अब तक उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी।
मुख्यमंत्री कोरोना से उत्पन्न हालात के हर पहलूओं की लगातार समीक्षा कर रहे हैं और जरुरतमंद को हरसंभव मदद का लगातार निर्देश दे रहे हैं। अनुपम कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि बिहार में पिछले 24 घंटे में 73 नए मामले आने के बाद बिहार में कोरोना पाजिटिव केस का आंकड़ा 328 हो गया है। बिहार में 201 आपदा राहत केन्द्र चलाए जा रहे हैं जिसका लाभ 72 हजार लोग उठा रहे हैं। पंचायत स्तर पर स्थित 1203 क्वारेंटाईन सेंटर में 10 हजार 07 सौ लोग आवासीत हैं, जिन्हें भोजन और चिकित्सीय सुविधा मुहैया करायी जा रही है। सरकार ने एक मह्त्वपूर्ण निर्णय लिया है कि प्रखंड स्तर पर भी क्वारंटाईन सेंटर बनाया जाएगा, जिसमें बाहर से आने वाले लोग को क्वारेंटाईन किया जाएगा। लाँकडाउन के कारण बिहार के बाहर फंसे बिहार के लोगों के अब तक 25 लाख 15 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 15 लाख 92 हजार आवेदकों के खाते में 1000 रूपये की राशि भेज दी गई है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर बिहार फाउंडेशन के जरिये बिहार के बाहर फंसे 9 राज्यों के 12 शहरों में 55 राहत केन्द्र चलाए जा रहे हैं जिससे 12 लाख 35 हजार लोग लाभान्वित हो रहे हैं।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जानकारी देते हुए एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेन्द्र कुमार ने कहा कि लाँकडाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है और कोविड-19 से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों में जो अवरोध पैदा कर रहा है उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।पिछले 24 घंटे में 31 एफआरआई दर्ज किए गए हैं, 45 गिरफ्तारियां हुई हैं और 1449 वाहन जब्त किए गए है। कुछ विदेशी जो बाहर से बिहार आए हैं और जिन्होंने वीजा शर्तों का उल्लंघन किया है उन पर फारेनर एक्ट (Foreigner Act) के तहत कार्यवायी करते हुए 7 एफआईआर दर्ज किए गए और 66 विदेशी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने जानकारी देते हुए बताया कि बिहार से बाहर रह रहे छात्र-छात्राओं की समस्या के समाधान के लिए आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से 23 अप्रैल को ही टाल फ्री हेल्पलाईन नंबर 0612- 2294600 जारी की गई थी। 23 अप्रैल से आज तक इस नंबर पर 1038 काँल आए हैं जिनमें 90 फीसदी काल उनके घर जाने की व्यवस्था को लेकर था, जबकि 5 फीसदी काँल भोजन की समस्या को लेकर था, वहीं 5 फीसदी छात्र-छात्राएं पैसा खत्म होने की अपनी समस्या को हेल्प लाईन नंबर पर बताया। जो छात्र- छात्राएं अपने घर आना चाह रहे हैं, उन्हें केन्द्रीय गृह मंत्रालय के दिशानिर्देश के बारे में बता दिया गया और आगे जो भी आदेश आता है उन्हें सूचना दे दी जाएगी, वहीं जिन छात्र- छात्राओं को खाने की दिक्कत थी उन्हें संबंधित जिला प्रशासन से बात कर व्यवस्था कर दी गई है जिससे उन्हें भोजन की समस्या ना हो। वहीं जिन छात्र- छात्राओं के पास पैसे की दिक्कत है उन्हें भी मुख्यमंत्री विशेष सहायता के तहत मुख्यमंत्री राहत कोष से 1000 रुपए की राशि के लिए एप की जानकारी दे दी गई है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में अब तक 18 हजार 1 सौ 79 लोगों के सैंपल की जांच की जा चुकी है। 57 लोग कोरोना संक्रमण से स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। डोर टू डोर स्क्रीनिंग के तहत में अब तक 73 लाख 82 हजार घरों के सर्वेक्षण किए जा चुके हैं, जिनमें 2629 लोगों में बुखार, खाँसी एवं सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण पाए गए, जिनमें से 1906 का सैंपल जाँच के लिए भेजा गया है।