सारा शौर्य व’ऐश्वर्य’ घर से बाहर जाने के बद,अब ‘करिश्मा’ के भरोसे राजद

पटना ( विद्रोही/द न्यूज़)। लालू यादव और राबड़ी यादव ने राजनीतिक पार्टी राष्टीय जनता दल को तो बिहार में ऊंचाईयों पर पहुंचाया पर अब पार्टी का सारा शौर्य, ऐश्वर्य खोने के बाद पार्टी ‘करिश्मा’ के भरोसे है। जब लालू का ‘लालटेन’ 15 वर्षों के शासन में राजनीति की पराकाष्ठा प्राप्त कर रहा था उस समय नीतीश कुमार का जदयू और अब के नरेंद्र मोदी की भाजपा बिहार में एक एक सीट के लिए तरस रही थी। ब्यूरोक्रेट भी पहाड़ के नीचे आ गए थे। राजनीति में लालू की तूती बोलती थी। आज राजद अपना 24 वाँ स्थापना दिवस मना रहा है। न लालू सत्ता में हैं न राबड़ी सत्ता में हैं। लालू का पूरा राजनीतिक शौर्य खत्म हो गया। लालू खुद जेल में हैं। महागठबंधन के सत्ता में रहते लालू ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव की शादी कर दी। बहु ऐश्वर्या राय घर आई पर लालू के जेल जाते ही परिस्थितियां ऐसी बानी कि घर से ऐश्वर्य भी चली गयी। तेजस्वी का तेज भी सत्ता घिसकते ही मद्धिम पड़ गया। लालटेन की लॉ तो पहले से मद्धिम होती जा रही है। तेजस्वी का तेजस छाप भी काम नहीं कर रहा है। हालांकि तेजस्वी यादव ने चुनाव में विरोधियों की मंशा भांपकर करिश्मा राय को पार्टी में शामिल किया हैं। करिश्मा विधान चंद्र राय की बेटी हैं। विधानचंद्र पूर्व मंत्री चंद्रिका राय के बड़े भाई हैं। चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्य राय हैं जिनकी शादी लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप से हुई है। इसतरह करिश्मा लालू की बहू ऐश्वर्या राय की चचेरी बहन हुई। राजनीति में चंद्रिका राय और उनकी बेटी ऐश्वर्या राय की तरफ से विरोध की आशंका देख तेजस्वी यादव ने काट के लिए करिश्मा को पार्टी में शामिल किया है। इस कदम से चंद्रिका राय और विधानचंद्र राय दोनों भाईयों के बीच खटास तेज हो गयी है।

चंद्रिका राय फिलहाल सारण के परसा विधानसभा सीट से विधायक हैं। इस बार संभावना है कि आज जदयू टिकट पर परसा से उम्मीदवार होंगे। राजद उनके खिलाफ करिश्मा को खड़ा कर सकता है। इसलिए परसा का चुनाव इस बार काफी दिलचस्प होगा। दो भाइयों के परिवार के बीच राजनीतिक फरसा उठेगा!