सुशील मोदी भी कोरोना निगेटिव। तेजस्वी को दागी कह महागठबंधन को घेरा



पटना ( द न्यूज़)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की कोरोना जांच निगेटिव आयी है। विधानपरिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह के कोरोना पोनिटिव रिपोर्ट के बाद एक कार्यक्रम में एक साथ रहने के कारण सीएम व डिप्टी सीएम को कोरोना जांच से गुजरना पड़ा।

इसी बीच उपमुख्यमंत्री ने कहा कि लालू ने पुत्रमोह में सरकार गँवाई, अब महागठबंधन को ले डूबेंगे। महागठबंधन के कई दल लालू प्रसाद के पुत्र मोह और एकतरफा फैसले लेने की प्रवृत्ति से घुटन महसूस कर रहे हैं। कोआर्डिनेशन कमेटी की उनकी मांग कूड़ेदान में डाल दी गई।
लालू प्रसाद ने 2017 में करोड़ों रुपये की बेनामी सम्पत्ति के आरोप में घिरे पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव से इस्तीफा न दिलवा कर सत्ता गँवा दी, लेकिन बिंदुवार जवाब नहीं दिया।
अब एक अनुभवहीन दागी युवा को सीएम कैंडीडेट के रूप में प्रोजेक्ट करने की उनकी जिद महागठबंधन पर भारी पड़ेगी।महागठबंधन में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव में एक सीट हासिल कर अपनी प्रतिष्ठा बचायी, जबकि सबसे बड़े दल होने का अहंकार रखने वाला राजद जीरो पर आउट हुआ।
इसके बावजूद सहयोगी दलों के प्रति राजद का तानाशाही रवैया नहीं बदला।
विधान परिषद के पांच सदस्यों के पार्टी छोड़ने से राजद में टूट और महागठबंधन में बिखराव के आसार बढ़े। फैसले लेने की प्रवृत्ति से घुटन महसूस कर रहे हैं। कोआर्डिनेशन कमेटी की उनकी मांग कूड़ेदान में डाल दी गई।
लालू प्रसाद ने 2017 में करोड़ों रुपये की बेनामी सम्पत्ति के आरोप में घिरे पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव से इस्तीफा न दिलवा कर सत्ता गँवा दी, लेकिन बिंदुवार जवाब नहीं दिया।
अब एक अनुभवहीन दागी युवा को सीएम कैंडीडेट के रूप में प्रोजेक्ट करने की उनकी जिद महागठबंधन पर भारी पड़ेगी। महागठबंधन में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव में एक सीट हासिल कर अपनी प्रतिष्ठा बचायी, जबकि सबसे बड़े दल होने का अहंकार रखने वाला राजद जीरो पर आउट हुआ।इसके बावजूद सहयोगी दलों के प्रति राजद का तानाशाही रवैया नहीं बदला।
विधान परिषद के पांच सदस्यों के पार्टी छोड़ने से राजद में टूट और महागठबंधन में बिखराव के आसार बढ़े।