पटना। बिहारियों को एक बार फिर नेता सपने दिखाने शुरू कर दिए हैं। कुतर्क पेश करने लगे हैं। वक्त है नेताओं को खुद जज करने की, आप आपनी जेब टटोलो, देखो किस नेता ने आपके लिए कितना दिया है और यह भी देखिए! आपने किसी नेता के लिए कितना पसीना बहाया है। नेताओं के सब्जबाग में आने की जरूरत नहीं है। मुरली मनोहर जोशी, लाल कृष्ण आडवाणी, सुमित्रा महाजन और कई ऐसे नाम है जिसे साइड लाइन करने में भाजपा के शीर्ष नेताओं को देरी नहीं लगी। आप किसी पार्टी से आशा न करें। यदि कोई नेता आपसे ठीक से बात कर लेता है तो उसे ही अपना मानिए। नेता को स्वाभिमान दिखाइए कि वह आपके दरवाजे पर आए।
आप सोचिए! किस तरफ नेता बिहारी को मूर्ख समझ रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 24 अप्रैल को मुंगेर की सभा मे कहा कि महागठबंधन जीता तो शनिवार से सोमवार तक रोज पीएम बदले जाएंगे। क्या बिहारी इतने नासमझ हैं कि उन्हें अमित शाह इस तरह तर्क देकर समझा रहे हैं। सावधान ही जाईये बिहारी भाईयों। किसी के बरगलाने में आने की जरूरत नहीं है। खुद विवेक से काम लीजिए। यदि कोई इस तरह समझा रहा है तो उसे नासमझ समझिए। मुंगेर में शाह ने कहा कि अगर महागठबंधन की जीत होगी तो सोमवार को ममता बनर्जी, मंगलवार को अखिलेश यादव, वुधवार को मायावती, गुरुवार को लालू प्रसाद, शुक्रवार को चंद्रबाबू नायडू और शनिवार की देवेगौड़ा प्रधानमंत्री बनेंगें। क्या बिहारी भाई, इस दलील से सहमत होंगे। कहीं ये दलील वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव की तरह बिजली आयी! बिजली आयी की तरह मजाक न बन जाये।