अब गिरिराज का ‘राजनीतिक वजन’ कम करेंगे ललन

पटना। द न्यूज़। विद्रोही। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को बनाकर नीतीश कुमार ने एक तीर से कई निशाना साधा है।पहले निशाने के तहत नीतीश ने ललन समेत उनके भूमिहार समर्थकों को गदगद कर दिया। दूसरे निशाने के तहत नीतीश भाजपा के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का राजनीतिक वजन थोड़ा कम अवश्य कर दिया है। ज्ञात हो कि जदयू प्रदेश में तीसरे नंबर की पार्टी हो गयी है। ऐसे में जदयू को नंबर 2 या 1 पर पहुंचने के लिए ब्राह्मण और भूमिहार वोट को चुराना होगा। ललन सिंह को अध्यक्ष बना देने से थोड़ा बहुत भूमिहार वोट का झुकाव जदयू की तरफ अवश्य हो जाएगा। बिहार में सवर्णों में सबसे अधिक मत प्रतिशत ब्राह्मणों का है। इसके बाद राजपूत, भूमिहार व कायस्थों की आबादी है। ललन सिंह मुंगेर से सांसद हैं जबकि गिरिराज सिंह बेगूसराय से सांसद हैं। दोनों क्षेत्र भूमिहार बहुल है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और गिरिराज सिंह के बीच मधुर संबंध नहीं है। लिहाजा नीतीश को अब गिरिराज सिंह की काट का हथियार मिल गया है। ललन सिंह मौन रहकर बड़े बड़े को साध देते हैं जबकि गिरिराज शब्दबाण का इस्तेमाल करते हैं। दोनों की राजनीति के अलग स्टाइल है।

लेकिन ललन की ताजपोशी के बाद आरसीपी और उपेंद्र कुशवाहा के समर्थकों को संभालना भी नीतीश को चुनौती है। ये नीतीश के बेस वोट हैं।