अटल के आशीर्वाद से बढ़े नमो व नीतीश। जिस पुल का अटल ने किया शिलान्यास उसे नमो ने किया उद्घाटन। अब 215 किलोमीटर की दूरी अब 22 किलोमीटर हुई

 पटना। द न्यूज़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोसी महासेतु का उद्घाटन तो किया पर चर्चा हुई पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की। अटल जी ने ही इस सेतु का शिलान्यास किया था। यह भी ध्यान रहे कि नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार दोनो को आगे बढ़ाने का काम अटल बिहारी वाजपेयी ने ही किया था। स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने नरेंद्र मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया था जबकि नीतीश को बिहार से बुलाकर दिल्ली में केंद्रीय मंत्री बनाया था। तब तक दोनों पर किसी राजनेता की नजर नहीं गयी थी।

दरअसल बिहार का दिन आज कई मायने में महत्वपूर्ण रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोसी मेगाब्रिज का उद्घाटन किया। यह पुल कोसी और मिथिला के लोगों को जोड़ने में सेतु का काम करेगा। इस पुल के नहीं रहने से कोसी और मिथिलांचल के बीच 215 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी, किन्तु कोसी महासेतु के बन जाने से महज 22 किलोमीटर में यह फासला तय हो जाएगा। वर्ष 1934 के भूकं में पहले वहां मौजूद सेतु टूट गया था। 

84 वर्ष के बाद वहां कोसी महासेतु बनकर तैयार हुआ है।  खास है कि वर्ष 2003 में तात्कालिक प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस पल का शिलान्यास किया था और अब उन्हीं के शिष्य नरेंद्र मोदी ने बतौर पीएम पुल का उद्घाटन किया है।

कोसी महासेतु के उद्धाटन अवसर पर शरीक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मुझे हार्दिक प्रसन्नता है कि आज आपके द्वारा इस महासेतु का उद्घाटन हो रहा है।उन्होंने कहा कि आपके नेतृत्व में रेलवे की कई योजनाओं का शिलान्यास हो रहा है, ये मेरे लिए प्रसन्नता की बात है। उन्होंने कहा कि बाढ़ और बख्तियारपुर के बीच तीसरी रेलवे लाइन का उद्घाटन हो रहा है। यह भी खुशी की बात है। श्रद्धेय अटल जी की सरकार के दौरान उस समय के ऊर्जा मंत्री पी0आर0 कुमार मंगलम ने बिहार में पॉवर प्लान्ट खोलने के लिए मुझसे जगह के बारे में पूछा था और उसके आधार पर बाढ़ में एन0टी0पी0सी0 की स्थापना की गई। बाढ़ तक नई रेल लाइन से एन0टी0पी0सी0 को कोयले की उपलब्धता में आसानी होगी। इसके लिए हजारीबाग कोयला खादान के पास से तय रुट हजारीबाग-कोडरमा-तिलैया-राजगीर-बख्तियारपुर-बाढ़ से कोयले की ढुलाई में आसानी होगी। मेरा आग्रह है कि जुरही-खुराडीह सेक्शन में चार सुरंगों को बनाया जाना है इसे जल्द पूरा किया जाए जिससे कोयले की निर्बाध आपूर्ति में सुविधा हो। उन्होंने कहा कि इस्लामपुर-नटेसर रेल लाइन के पूर्ण हो जाने से लोगों को आवागमन में सुविधा होगी। पटना से गया जाने का पुराना सड़क मार्ग भी पहले इधर से ही था। अब फतुहा-इस्लामपुर से नटेसर होते हुए गया के लिए नया रेल मार्ग मिल जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 अगस्त 2018 के कार्यक्रम में मैंने रेल मंत्री से आग्रह किया था कि नेऊरा-दनियांवा-बिहारशरीफ-बरबीघा-शेखपुरा पूरा रेलखंड जो किउल से दानापुर आने का तीसरा रास्ता है और इसमें दूरी 9 कि0मी0 कम भी पड़ती है, इस लाइन के बन जाने से आवागमन में सुविधा होगी। इसे अटल जी के समय में स्वी.त किया गया था। इसके बचे हुए काम को पूरा कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि बिहार में इंडियन रेलवे इंस्टीच्यूट ऑफ मेकेनिकल इंजनियरिंग, जमालपुर, मुंगेर में चलता था। इसमें स्टूडेंट का सेलेक्शन यू0पी0एस0सी0 के माध्यम से होता था। यह इंस्टीच्यूट बंद हो गया है, इसको चालू करा दिया जाए।

इसी बीच भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल ने कहा है कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने बिहार में रेल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में आज एक नया इतिहास रच दिया। कोसी और मिथिला क्षेत्र के लोगों का 86 साल का इंतजार खत्म हो गया। 

      प्रधानमंत्री श्री मोदी की ओर से बिहार को मिली चौथी सौगात पर बिहारवासियों की ओर से आभार प्रकट करते हुए डॉक्टर जायसवाल ने कहा कि  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को 516 करोड़ की लागत से कोसी नदी पर बने विद्युत रेल महासेतु को राष्ट्र को समर्पित किया। 86 वर्ष बाद इस सेतु का निर्माण होने से सवा दो सौ किमी की दूरी महज 22 किमी हो गयी है। प्रधानमंत्रीजी ने कोसी रेल मेगा ब्रिज सहित आज 12 रेल परियोजनाओं का शुभारंभ कर बिहार को बहुमूल्य तोहफा दिया है। इससे बिहार ‘आत्मनिर्भरता’ प्राप्त कर तेज गति से ‘आत्मनिर्भर भारत’ की राह पर दौड़ेगा। 

        डॉक्टर जायसवाल ने कहा कि  प्रधानमंत्री जी ने कोसी रेल मेगा ब्रिज के अलावा समस्तीपुर-दरभंगा -जयनगर , समस्तीपुर- खगड़िया, शिवनारायणपुर- भागलपुर, कटिहार- न्यू जलपाईगुड़ी और  सीतामढ़ी- मुजफ्फरपुर नये विद्युतीकृत खंड को राष्ट्र को समर्पित कर उत्तर बिहार में विकास को एक नया आयाम दिया है। इसके अलावा हाजीपुर- वैशाली और इस्लामपुर-नटेसर नयी रेललाइन पर पैसेंजर ट्रेन, नये विद्युतीकृत कटिहार- न्यू जलपाईगुड़ी खंड पर इलेक्ट्रिक ट्रेन, सीतामढ़ी से इलेक्ट्रिक ट्रेन,  सुपौल-आसनपुर कुपहा- राघोपुर खंड में डीईएमयू ट्रेन का शुभारंभ कर  वर्षों से प्रतीक्षारत नागरिकों की उम्मीदें पूरी हुई है।. उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री जी ने सहरसा-सरायगढ़-राघोपुर मार्ग का गेज परिवर्तन को भी राष्ट्र को समर्पित किया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि कोसी रेल मेगा ब्रिज 1.9 किलोमीटर लंबा है। भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा पर होने के कारण इसे रेल ब्रिज का राजनयिक महत्व भी है। उन्होंने बताया कि इन रेल परियोजना से लोगों के आवागमन में तो सुविधा होगी ही, इससे बिहार के विकास में और गति आएगी।