पटना (द न्यूज़)। संस्कारहीन बच्चों को सबक सिखाने के लिए नीतीश सरकार ने जेल का प्रबंध कर दिया है। जी बच्चे अपने माता पिता का अनादर करेंगें। उनकी सेवा नहीं करेंगे तो वे एक शिकायत पर जेल जाएंगे। राज्य मंत्रिपरिषद की मुहर लगने के बाद इस बाबत एक कानून बना दी जाएगी ।राज्य सरकार ने आईजीआईएमएस में 500 बेड के अस्पताल का शिलान्यास कर दिया है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को पटना स्थित इन्दिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के परिसर में 500 शय्या वाले अस्पताल भवन निर्माण का षिलापट्ट
अनावरण कर शिलान्यास किया और भूमि पूजन कर कार्यारंभ किया। इस अवसर पर
आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को इस बात के लिये बधाई देता हॅू कि आज 500 बेड के अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आई0जी0आई0एम0एस0 के और विस्तारीकरण की सोच हमलोगों ने
पहले से बना रखी है। यहां कैंसर संस्थान भी कार्य कर रहा है। अन्य प्रकार की बीमारियों
का भी इलाज बेहतर तरीके से किया जा रहा है। यहां के निदेशक पूरी गंभीरता और निष्ठा के साथ काम कर रहे हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी रूचि आई0जी0आई0एम0एस0 को एम्स दिल्ली की तरह बनाना है। हालांकि आई0जी0आई0एम0एस0 का निर्माण बेहतर उद्देष्य के साथ किया गया था लेकिन इसकी स्थिति धीरे-धीरे बिगड़ती गयी। नवम्बर 2005 में सरकार में आने के बाद हमलोगों ने आई0जी0आई0एम0एस0 के विस्तार के लिये फंड का आवंटन शुरू किया। आई0जी0आई0एम0एस0 की सक्रियता बढ़ी है और अब ज्यादा संख्या में यहां मरीज इलाज के
लिये आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि डाॅक्टरों ,नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ, प्रशासनिक अधिकारी,
विषेषज्ञों एवं अन्य जरूरतों के लिये राज्य सरकार संसाधन उपलब्ध कराने में पीछे नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पी0एम0सी0एच0 राज्य का पुराना और प्रतिष्ठित अस्पताल रहाहै, जहां नेपाल, पूर्वी यू0पी0, असम और दूसरे राज्य के मरीज इलाज के लिये पहले आते थे। हमलोग फिर से पी0एम0सी0एच0 को एक आदर्ष अस्पताल के रूप में बनाना चाह रहे हैं। उसको अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का अस्पताल बनायेंगे। यह 5400 बेड का अस्पताल बनेगा। दुनियामें इतनी बड़ी संख्या के बेड का अस्पताल कहीं नहीं है। इसका डी0पी0आर0 तैयार है और राज्य सरकार से इसके निर्माण की स्वीकृति मिल गयी है, तीन से चार वर्षों में तीन-चार फेज में इसका निर्माण कार्य किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आई0जी0आई0एम0एस0 भी 2500 बेड का विषिष्ट अस्पताल होगा। यहां हायर एजुकेषन का भी विस्तार किया गया है। आई0जी0आई0एम0एस0 में सबसे ज्यादा लोगों का विश्वास कायम हुआ है। लोग बड़ी संख्या में यहां इलाज के लिये आ रहे हैं। हमलोगों का उद्देश्य है कि कम से कम बीमारी हो और जो बीमारी हो उसका बेहतर तरीके से राज्य में इलाज हो सके। किसी को मजबूरी में इलाज के लिये बिहार से बाहर जाना न पड़े, ऐसी व्यवस्था बनाने में हमलोग लगे हुये हैं।खुले में शौच से मुक्ति मिल जाय तो खासकर ग्रामीण इलाकों में आज कल होने वाली 90 प्रतिशत बीमारियों से छुटकारा मिल जायेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में मुजफ्फरपुर में जो बच्चों की मृत्यु हुयी है, वह बहुत ही दुखद है। हमलोगों को इससे काफी पीड़ा और तकलीफ हुयी है। स्वास्थ्य विभाग ने अपनी एक टीम इसके लिये भेजी है और इसके लिये किये जा रहे उपायों का भी जायजा लेगी। इसके लिये जागरूकता अभियान चलाने की भी जरूरत है ताकि अपने बच्चों की हिफाजत लोग अच्छे ढंग से कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनगणना के आंकड़े से पता चलता है कि दस वर्षों में राज्य की जनसंख्या में 23 से 24 प्रतिषत वृद्धि होेती है। प्रजनन दर कम करने के लिये हमलोग काम कर रहे हैं। वर्ष 2012 में आंकलन से पता चला कि पति-पत्नी में अगर पत्नी मैट्रिक पास है तो देष का प्रजनन दर 2 और बिहार का भी प्रजनन दर 2 था। अगर पत्नी 12वीं पास है तो देष का प्रजनन दर 1.7 और बिहार का उससे भी कम था। हमलोगों ने इसके आधार पर निर्णय लिया कि लड़कियों को शिक्षित करने के लिये हर एक ग्राम पंचायत में उच्च माध्यमिक विद्यालय का निर्माण करायेंगे। 6 हजार ग्राम पंचायतों में यह काम पूरा हो गया है। अगले साल तक सभी ग्राम पंचायतों में 9वीं क्लास तक की पढ़ाई शुरू हो जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आई0जी0आई0एम0एस0 सिर्फ मेडिकल काॅलेज नहीं है बल्कि एक इंस्टीच्यूषन है। हमलोगों की अपेक्षा है कि यह दिल्ली के एम्स की तरह का अस्पताल बने और मुझे उम्मीद है कि इसे आपलोग पूरा करेंगे। आई0जी0आई0एम0एस0 को बेहतर इलाज के साथ-साथ रिसर्च के क्षेत्र में भी अच्छा काम करना चाहिये।मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 के पहले राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र की क्या स्थिति थी ? एक सर्वे से यह जानकारी मिली थी कि यहां के गरीब परिवार के लोग अपनी आमदनी का 40 प्रतिशत पैसा अपने इलाज पर खर्च करते हैं। सरकार में आने के बाद फरवरी 2006 में जब सर्वे कराया तो पता चला कि हर ब्लाॅक के एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर एक महीने में औसतन 39 मरीज ही इलाज के लिये आते थे। डाॅक्टर, पारा मेडिकल स्टाफ, नर्सेज, मुफ्त दवा की व्यवस्था की गयी और उसी वर्ष दिसम्बर में जब सर्वे कराया तो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या 1 हजार से 1500 तक पहुॅच गयी और आज एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर एक महीने में औसतन 10 हजार से ज्यादा मरीज इलाज के लिये आते हैं। राज्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई महत्त्वपूर्ण कार्य किये गये हैं। यहां पोलियो उन्मूलन का अभियान अच्छे तरीके से चलाया गया, जिससे राज्य पोलियो मुक्त हुआ। बिल गेट्स भी खगड़िया में आये थे और पोलियो उन्मूलन के कार्य की प्रषंसा की थी। जब हम वर्ष 2012 में पाकिस्तान यात्रा पर गये थे तो लोगों ने बड़ी उत्सुक्ता से हमसे यह जानना चाहा था कि बिहार को कैसे पोलियो मुक्त बनाने के लिये अभियान चलाया गया। हमलोग जो भीकाम बिहार में करते हैं, पूरी मजबूती से करते हैं और दूसरे लोग उसका अनुकरण करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां हर एक मेडिकल काॅलेज में नर्सिंग काॅलेज बनाया जा रहा है, जिससे नर्सों की उपलब्धता सुनिष्चित हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इस 500 शैय्या वाले अस्पताल का कार्यारंभ हुआ है। मुझे उम्मीद है कि यह समय पर पूर्ण होकर फंक्षनल हो जायेगा। हमलोगों का सपना है कि आई0जी0आई0एम0एस0 चिकित्सा के क्षेत्र में आदर्श बनेगा।कार्यक्रम के दौरान 500 शैय्या वाले आई0जी0आई0एम0एस0 भवन का एक प्रजेंटेशन भी मुख्यमंत्री को दिखाया गया।कार्यक्रम को केन्द्रीय कानून, संचार, सूचना एवं प्राद्यौगिकी मंत्री श्री रविषंकर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केन्द्रीय राज्य मंत्री, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अश्वनी कुमार चैबे, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय, विधायक श्री संजीव चैरसिया,स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, आई0जी0आई0एम0एस0 के निदेशक प्रो डाॅ0 एन0आर0 विष्वास ने भी संबोधित किया।इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, आई0जी0आई0एम0एस0 के संकायाध्यक्ष डाॅ0 एस0के0 शाही सहित अन्य चिकित्सकगण, पदाधिकारीगण, अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।