नई दिल्ली/पटना ( द न्यूज़)। देश के कई ब्राह्मण संगठन ने दावा किया है कि ब्राह्मण समाज को बदनाम कर देश मे कटुता फैलाने की नीयत से फ़िल्म आर्टिकल 15 बनाया गया है। फ़िल्म आर्टिकल 15 के खिलाफ पूरे देश मे चौतरफा विरोध शुरू हो गया है। ताजा मामले में मुजफ्फरपुर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के अधीन फ़िल्म के खिलाफ केस दायर कर दिया गया है। कई ब्राह्मण संगठनों ने पहले ही विरोध जता दिया है।
उधर, अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद फिल्म आर्टिकल 15 का विरोध विरोध करने का निर्णय किया है।
फिल्म आर्टिकल 15 मे विवादित दृश्यों को लेकर अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद की एक बैठक पिछले दिनों वरिष्ठ अधिवक्ता केदारनाथ चतुर्वेदी कि अध्यक्षता में उनके निवास स्थान महदेवा रोड, सिवान मे हुई।बैठक में फिल्म के विरोध कि रणनीति तय की गई।बैठक में उन्होंने कहा कि फिल्म आर्टिकल 15 मे ब्राह्मणों को बलात्कार का आरोपी दिखाया गया है जबकि इसका कोई प्रमाण फिल्म के निर्देशक एवं अभिनेता के पास नहीं है।यह फिल्म ब्राह्मणों के प्रति दलितों का विरोधाभाव भड़काने का काम करेगी जिससे समाज में कटुता फैलेगी, समाज में अशांति फैल सकती हैं।उन्होंने सरकार से इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।उन्होंने कहा कि बहुत जल्द इस फिल्म के निर्माता, निर्देशक, व अभिनेता पर सिवान न्यायालय में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।बैठक में वरिष्ठ अधिवक्ता रामदयाल तिवारी,अधिवक्ता चन्द्रभूषण उपाध्याय, संजीव कुमार उर्फ मंटू चतुर्वेदी, रमेश तिवारी, राधामोहन शुक्ल, जनक दुबे, ब्रजेश दुबे, परमानंद पांडेय, प्रदीप तिवारी, ललित चौबे,गोपाल पांडेय, दिपक पांडेय, विकास पांडेय, अरविंद तिवारी, रविभूषण तिवारी, रवि उपाध्याय सहित दर्जनों ब्राह्मण उपस्थित थे।