बड़े भाई बनने की चाहत में नीतीश खींच लाए उपेंद्र को! नीतीश ने उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी संसदीय बोर्ड का ताज पहनाया

 पटना। विद्रोही। द न्यूज़। बिहार की आज की बड़ी खबर में उपेंद्र कुशवाहा जदयू के हो गए हैं। उपेंद्र कुशवाहा नीत रालोसपा का जदयू में विलय होना प्रदेश में नई राजनीति की पटकथा लिख रहा है। हाल के बिहार विधानसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर आने के टिस ने नीतीश को नया कदम उठाने को बाध्य किया। नीतीश कुमार को एहसास हो गया है कि यदि पार्टी के जनाधार को नहीं बढ़ाया गया तो जदयू के ग्राफ और नीचे आ जायेगा। साथ ही भाजपा से बड़े भाई बनने की स्पर्धा भी जदयू को विलय एपिसोड के लिए प्रेरित की।

 नीतीश के इस विलय प्रकरण को हरी झंडी देने से राजनीतिक जगत में कई संदेश गए हैं। पहला कि नीतीश प्रदेश में बड़े भाई की भूमिका के लिए रास्ता तैयार कर रहे हैं। आने वाले चुनाव में लव- कुश समीकरण से जदयू को फायदा पहुंच सकता है। दूसरा, राजनीतिक गलियारे में चर्चा रहती है कि नीतीश एक बार किसी से नाराज हो जाये तो उसे जल्द माफ नहीं करते। लेकिन उपेंद्र कुशवाहा से फिर से हांथ मिलाकर नीतीश ने पुराना मिथक तोड़ने का काम किया है।

नीतीश कुमार पर यह भी उलाहना लगता है कि वह अपने बलबूते चुनाव नहीं लड़ सकते। लोजपा ने उन्हें अकेले चुनाव लड़ने की खुला चुनौती दी है। विलय प्रकरण से नीतीश को अकेले चलने का भी हौसला मिलेगा।