पटना। द न्यूज़। मौजूदा नीतीश सरकार की ग्रह दशा ठीक नहीं चल रही है। सोलह नवम्बर 2020 को जबसे नीतीश सरकार गठित हुई है किसी न किसी मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री की किरकिरी होती रही है । चूंकि सरकार के मुखिया खुद नीतीशे कुमार हैं तो उन्हे घटक दल भाजपा, वीआईपी और हम के नेताओं को भी संभालना पड़ रहा है। इस बार संख्याबल इतना कम है कि नीतीश कुमार किसी अहम मुद्दे पर भी कराह कर रह जा रहे हैं। मुखर नहीं हो रहे हैं। पहली मुसीबत तो उनके विधायक मेवालाल चौधरी की तरफ से खड़ी हुई। मामला इतना तूल पकड़ा कि उन्हें मंत्री पद से हटाना पड़ा। इस तरह प्रथमे ग्रासे मक्षिका पातं के तर्ज पर नीतीश सरकार ने शपथ ग्रहण किया।
अभी ताजा विवाद भूमि व राजस्व सुधार मंत्री रामसूरत राय को लेकर हो रहा है। तेजस्वी यादव के मुताबिक रामसूरत राय की भाई की जमीन पर शराब बरामद हुई और इसके लिए राम सूरत राय के भाई समेत 13 लोगों पर एफआईआर दर्ज किया गया है। इस मामले को प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने उठाया । आज विधानसभा में इस मामले को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। जाहिर है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस पूरे मामले पर दुखी हैं। हालांकि रामसूरत राय ने पूरे मामले पर यह कहकर पल्ला झाड़ लिया है कि मेरा भाई से कोई लेना देना नहीं। यदि भाई के किसी परिसर से शराब मिलती है तो मैं कैसे दोषी। रामसूरत राय के पहले नीतीश कुमार की वीआईपी नेता व पशुपालन मंत्री मुकेश सहनी को लेकर किरकिरी हुई थी। मुकेश सहनी ने खुद एक सरकारी कार्यक्रम का उसघटन न करा आने भाई से कार्यक्रम का उद्घाटन करा दिया था। बाद में मुकेश साहनी के माफी मांगने पर मामला शांत हुआ।