भाजपा ने तेजस्वी पर बोला धावा, कहा बेरोजगारी के गलत आंकड़े पेश कर युवा को कर रहे गुमराह

पटना। द न्यूज़। बिहार भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल , पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष नीतीश मिश्रा और राजीव रंजन ने प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर धावा बोलते हुए कहा कि तेजस्वी बेरोजगारी मसले पर गलत आंकड़ा पेश कर रहे हैं। भाजपा नेताओं ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को आधारहीन व बेबुनियाद राजनीति का वाहक बताते हुए उनकी कठोर आलोचना की।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि ‘एक पारिवारिक पार्टी के युवराज को सबसे पहले तो यह बताना चाहिए कि बिहार और बिहारी को कुख्यात किसने बनाया था, किसके शासनकाल के दौरान बाहरी प्रदेशों में बिहार बदनामी का पर्याय बन गया था?’
प्रदेशाध्यक्ष ने तेजस्वी को प्रदेश और उसकी छवि से षडयंत्र करने का आरोपी बताते हुए कहा कि चुनावी मौसम को देखकर तेजस्वी झूठ परोस कर जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘तेजस्वी यादव का बिहार में 46.6 फीसदी बेरोजगारी का दावा पूरी तरह बेबुनियाद और झूठा है।

भाजपा के प्रदेेेश उपाध्यक्ष नीतीश मिश्र ने कहा कि राजद के नेता तेजस्वी यादव जी बिहार में चुनाव नजदीक आने पर बिहार की जनता को झूंठे आंकड़ों के जाल में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। बिहार में बेरोजगारी दर 46.6% होने का श्री तेजस्वी यादव जी का दावा पूरी तरह भ्रामक है। बेरोजगारी दर के ये आंकड़े अप्रैल 2020 के हैं जबकि उस समय देशभर में लॉकडाउन था और पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा था। लोगों को गुमराह करने के लिए जानबूझकर उन्होंने ये आंकड़े पेश किए जबकि सत्यता यह है कि वर्तमान में बिहार की बेरोजगारी दर 13.4% है जो अप्रैल से लगातार घट रही है। तुलना झारखंड से करें जोकि एकमात्र राज्य है जहां तेजस्वी यादव जी की पार्टी सत्ता में है तो सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। मई 2020 में बिहार में बेरोजगारी दर 46% थी जबकि झारखंड में बेरोजगारी दर 59.2% थी। किन्तु श्री तेजस्वी यादव जी लोगों से यह तथ्य छिपाना चाहते हैं।
जबकि वास्तविकता यह है कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार द्वारा कोरोना संकटकाल में गरीब कल्याण अन्न योजना, गरीब कल्याण रोजगार अभियान जैसी सशक्त केन्द्रीय योजनाओं से आमजन को त्वरित सहायता पहुंचाने का प्रयास किया गया।
बेरोजगारी दर के झूंठे आंकड़े पेश करने वाले श्री तेजस्वी यादव जी को सम्भवतः इस बात का तनिक भी आभास नही है कि यह समय देश और प्रदेश के लिए कितना संवेदनशील है। अभी भी देश कोरोना संकट से जूझ रहा है और कई मुश्किल चुनौतियों का मजबूती से सामना करते हुए आपदा को अवसर में बदलने की नीति से आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर बिहार के निर्माण हेतु संकल्प ले रहा है। किन्तु हमेशा जाति-धर्म में लोगों को बांटने की राजनीति करने वाली पार्टी के नेता श्री तेजस्वी यादव जी बिहार के युवाओं को गुमराह करके उन्हें आगे बढ़ने से रोकना चाहते हैं जिससे राजद की राजनीतिक बेरोजगारी दूर हो सके।
मुझे पूर्ण विश्वास है कि बिहार की जनता विशेषकर युवा इस भ्रामक राजनीति के जाल को बेनकाब करते हुए बिहार को न्यू बिहार और आत्मनिर्भर बिहार बनाने में अपनी ऊर्जा व क्षमता का प्रयोग करेंगे।


तेेेअस्वी यादव पर चुटकी लेते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा “ लालटेन जला कर बेरोजगारी भगाने का दावा कर रहे तेजस्वी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि राजद की दुर्गति से उनका मन अभी तक भरा नहीं है. कुर्सी के चक्कर में वह इतने बौखला चुके हैं कि वह लोगों को डिजिटल इंडिया के फायदों को छोड़ वापस लालटेन युग में लौटने की सलाह देने लगे हैं. रात के 9 बजे लालटेन जलाकर बेरोजगारी भगाने के उनके नारे ने उनकी बुद्धिमता और अनुभव की पोल को एक बार फिर से पूरे देश के सामने खोलकर रख दिया है. फेसबुक से लेकर ट्विटर तक लोग तेजस्वी जी के इस नारे पर चुटकी लेते हुए तरह-तरह के चुटकुले बना रहे हैं. तेजस्वी जी को बताना चाहिए कि आखिर लालटेन जलाने से बेरोजगारी कैसे दूर होगी? उन्हें बताना चाहिए कि अगर लालटेन से रोजगार मिलता है तो फिर उनके 15 वर्षों के लालटेन युग में महज 19,538 स्थायी नियुक्तियां क्यों हुई थी? उसमें भी लोगों से रोजगार के लिए जमीनें लिखवा ली जाती थी. वास्तव में तेजस्वी जानते हैं कि लालटेन युग के कारण ही कभी राजद को सत्ता में आने का मौका मिला था और इसकी वापसी ही उनकी राजनीतिक बेरोजगारी दूर हो सकती है. यही वजह है कि बिहार के विकास के लिए अपना एजेंडा देने की बजाये वह लोगों को वापस अंधकार में आने के लिए भरमा रहे हैं. ”
बेरोजगारी को लेकर तेजस्वी पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा “ बिहार में बेरोजगारी को लेकर तेजस्वी द्वारा किया जा रहा प्रलाप उनकी राजनीति की ही तरह झूठ और कुतर्कों पर टिका हुआ है. बिहार में 46.6 फीसदी बेरोजगारी का उनका दावा पूरी तरह बेबुनियाद और झूठा है. वास्तव में यह आंकड़े अप्रैल-मई 2020 के हैं जिस समय लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर वापस आ रहे थे. बिहार में वर्तमान बेरोजगारी दर 13.4 फीसदी ही है, जो शायद इन्हें पता तक नही हो. तेजस्वी यह जान लें कि बिहार विकास की राह पकड़ चुका है और किसी युवराज को सेट करने के लिए वापस लालटेन युग में लौटने वाला नहीं है.”