नीतीश से ‘जिगरी दोस्ती’ के लिए भाजपा ने अपनों की ‘बलि’ ली, 9 को घर से बाहर निकाला

 पटना। द न्यूज़।( विद्रोही )। बीजेपी ने नीतीश से पक्की दोस्ती साबित करने के लिए अपने 9 नेताओं को घर से बाहर निकाल दिया है। ये सभी नेता कभी भाजपा के लिए धुंआधार बैटिंग करते थे। दरअसल कोरोना काल के पहले आम चुनाव में कई रंग दिखने लगे हैं। कई समीकरण ध्वस्त हो गए। महागठबंधन टूटा। एनडीए टूटा। कई छोटी पार्टियों ने नया स्वरूप तैयार कर चुनाव मैदान में ताल ठोका। अब भाजपा ने नीतीश की दोस्ती के लिए अपने 9 नेताओं को पार्टी से 6 वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया है। 

अंदरखाने की चर्चा है कि भाजपा के बागी उम्मीदवारों के कारण खासकर जदयू की नींद उड़ी हुई है। विश्लेषकों की राय में ऐसे बागी उम्मीदवारों के कारण एनडीए को पहले चरण में एक दर्जन सीटों पर नुकसान दिख रहा है।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय मयूख ने बताया कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए 9 नेताओं को एनडीए प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने की वजह से 6 साल के लिए पार्टी से निष्काषित किया है। निष्काषित नेताओं के नाम हैं: 1.  राजेन्द्र सिंह, रोहतास 2.  रामेश्वर चौरसिया, रोहतास 3. डॉ उषा विद्यार्थी, पटना ग्रामीण 4. रविन्द्र यादव, झाझा5. श्रीमती श्वेता सिंह, भोजपुर 6. श्रीमती इंदु कश्यप, जहानाबाद7. अनिल कुमार, पटना ग्रामीण8.  मृणाल शेखर,9. अजय प्रताप, जमुई

ज्ञात हो कि टिकट न मिलने से दुखी राजेन्द्र सिंह ने लोजपा के बैनर तले दिनारा से जदयू उम्मीदवार व राज्य सरकार में मंत्री जय कुमार सिंह को ललकारा है। इसी तरह चार बार विधायक रहे रामेश्वर चौरसिया ने सासाराम से जदयू उम्मीदवार के खिलाफ ताल ठोक दिया है। पालीगंज से उषा विद्यार्थी टिकट मांग रही थी पर ये सीट जदयू के हिस्से चल गई। उषा विद्यार्थी लोजपा के टिकट पर जदयू उम्मीदवार को चुनौती दे रही हैं। 

सूत्रों के अनुसार भाजपा और जदयू ने मिलकर कई सशक्त उम्मीदवारों की आशा पर पानी फेर दिया है। उदाहरण के तौर पर सारण की अमनौर सीट भाजपा कोटे की है। यहां भाजपा के सिटिंग उम्मीदवार शत्रुघ्न तिवारी हैं पर सेटिंग के तहत भाजपा ने शत्रुघ्न तिवारी उर्फ चोकर बाबा का टिकट काट कर जदयू नेता मंटू सिंह को टिकट दे दिया। मंटू को इसके लिए भाजपा में सदस्यता दिलाई। चर्चा है कि भाजपा अपने उम्मीदवारों के लिए पुरजोर दावा नहीं दिखा सकी। इस्लामपुर से पूर्व विधायक व मौजूदा भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन इस्लामपुर या हिलसा सीट मांग रहे थे पर जदयू ने ये सीट छोड़ी ही नहीं। भाजपा में सीट बंटवारे को लेकर अंदर काफी असंतोष है पर नेता मुखर नहीं हो रहे हैं।