नयी दिल्ली। द न्यूज़। वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केन्द्रीय बजट 2023-24 पेश किया। बजट की मुख्य बातें इस प्रकार से हैं:
प्रति व्यक्ति आय करीब 9 वर्षों में दोगुनी होकर 1.97 लाख रुपये हो गई है। • भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ा है और यह पिछले 9 साल में विश्व की 10वीं
सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यस्था बन गई है।
• कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में सदस्यों की संख्या दोगुनी से अधिक होकर 27 करोड तक पहुंच गई है।
• वर्ष 2022 में यूपीआई के माध्यम से 126 लाख करोड़ रुपये के 7,400 करोड़ डिजिटल
भुगतान किए गए हैं।
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 11.7 करोड़ घरों में शौचालय बनाए गए हैं। उज्ज्वला योजना के तहत 9.6 करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिये गए।
102 करोड़ लोगों को लक्षित करते हुए कोविड रोधी टीकाकरण का आंकड़ा 220 करोड़ से पार।
• 47.8 करोड़ प्रधानमंत्री जनधन बैंक खाते खोले गए।
• पीएम सुरक्षा बीमा योजना और पीएम जीवन ज्योति योजना के अंतर्गत 44.6 करोड़
लोगों को बीमा कवरेज।
• पीएम सम्मान किसान निधि के तहत 11.4 करोड़ किसानों को 2.2 लाख करोड़ रुपये का नकद हस्तांतरण।
• बजट की सात प्राथमिकताएं सप्तऋषि । इनमें शामिल हैं: समावेशी विकास, अंतिम छोर अंतिम व्यक्ति तक पहुंच, बुनियादी ढांचा और निवेश, निहित क्षमताओं का विस्तार हरित विकास, युवा शक्ति तथा वित्तीय क्षेत्र
• आत्मनिर्भर स्वच्छ पादप कार्यक्रम का शुभारंभ 2,200 करोड़ रुपये के प्रारंभिक परिव्यय के साथ उच्च गुणवत्ता वाली बागवानी फसल के लिए रोग मुक्त तथा गुणवत्तापूर्ण पौध सामग्री की उपलब्धता बढ़ाने की उद्देश्य से किया जाएगा।
• वर्ष 2014 से स्थापित मौजूदा 157 चिकित्सा महाविद्यालयों के साथ ही संस्थानों में 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे।
केन्द्र अगले तीन वर्षों में 3.5 लाख जनजातीय विद्यार्थियों के लिए 740 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में 38,800 अध्यापकों तथा सहयोगी कर्मचारियों को नियुक्त किया जाएगा।
• पीएम आवास योजना के लिए परिव्यय 66 प्रतिशत बढ़ाकर 79,000 करोड़ रुपये किया गया।
• रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये की पूंजीगत निधि का प्रावधान, जो 2013-14 में उपलब्ध कराई गई धनराशि से 9 गुना अधिक और अब तक की सर्वाधिक राशि है।
• शहरी अवसंरचना विकास कोष (यूआईडीएफ) की स्थापना प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में आई ऋण की कमी के उपयोग के माध्यम से होगी इसका प्रबंधन राष्ट्रीय आवास बैंक द्वारा किया जाएगा और इसका उपयोग टीयर 2 तथा टीयर 3 शहरों में शहरी अवसंरचना के निर्माण के लिए सार्वजनिक एजेंसियों द्वारा किया जाएगा।
• सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम, बड़े व्यवसाय तथा चेरिटेबल ट्रस्टों के लिए निकाय डिजीलॉकर की स्थापना की जाएगी, जिससे आवश्यक दस्तावेजों को ऑनलाइन साझा और सुरक्षित रखने में आसानी होगी।
भाग-ख प्रत्यक्ष कर
प्रत्यक्ष कर के प्रस्तावों का उद्देश्य कर संरचना की निरंतरता और स्थिरता बनाए रखना, अनुपालन भार को कम करने के लिए विभिन्न प्रावधानों का और सरलीकरण तथा उन्हें युक्तिसंगत बनाना, उद्यमिता की भावना को प्रोत्साहित करना और नागरिकों को कर राहत प्रदान करना।
. आयकर विभाग अनुपालन को आसान और निर्बाध बनाने के लिए करदाता सेवाओं में सुधार करने का सतत प्रयास कर रहा है।
• करदाता सेवाओं में और सुधार करने के लिए करदाताओं की सुविधा हेतु अगली पीढ़ी के
सामान्य आईटी रिटर्न फार्म लाने और साथ ही शिकायत निवारण तंत्र को और सुदृढ़ करने की योजना बना रहा है। • नई कर व्यवस्था में निजी आयकर में छूट की सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7
लाख रुपये कर दिया गया है। इस प्रकार नई कर व्यवस्था में 7 लाख रुपये तक के आय
वाले व्यक्तियों को कोई कर का भुगतान नहीं करना होगा।
• नयी व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था में स्लैबों की संख्या 6 से घटाकर 5 कर दी गई और कर छूट की सीमा को बढ़ाकर 3 लाख रूपये कर दिया गया है। इस नई कर व्यवस्था में सभी कर प्रदाताओं को बहुत बड़ी राहत मिलेगी।
नई कर दरें
कुल आय (रुपए)
दर (प्रतिशत)
3,00,000 तक
कुछ नहीं
| 3,00,001 से 6,00,000 तक
6,00,001 से 9,00,000 तक
5 10
9,00,001 से 12,00,000 तक
12,00,001 से 15,00,000 तक
15
20
15,00,000 से अधिक
30
नई कर व्यवस्था में वेतन भोगी व्यक्ति को 50 हजार रुपए की मानक कटौती का लाभ देने और परिवार पेंशन से 15 हजार तक कटौती करने का प्रस्ताव है।
नई कर व्यवस्था में उच्च प्रभार दर 37 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। इसके फलस्वरूप अधिकतम व्यक्तिगत आय कर दर में 39 प्रतिशत तक की कटौती होगी।
• गैर सरकारी वेतनभोगी कर्मचारी के सेवानिवृत्ति पर छुट्टी नगदीकरण पर कर छूट की सीमा बढ़ाकर 25 लाख की गई।
नई कर व्यवस्था को डिफॉल्ट कर व्यवस्था बनाया जाएगा, हालांकि नागरिकों के लिए पुरानी कर व्यवस्था का लाभ लेने का विकल्प जारी रहेगा।
• सूक्ष्म उद्यमों और कुछ पेशेवरों के लिए बढ़ी सीमाओं के लिए अनुमानित कराधान के लाभ लेने का प्रस्ताव किया गया है। बढ़ी सीमा वर्ष के दौरान नगदी में ली गई कुल राशि के मामले में लागू होगी जो कुल सकल प्राप्तियों / टर्नओवर की 5 प्रतिशत से अधिक नहीं होती है।
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