पटना । द न्यूज़। बिहार में ग्रीनफिल्ड हवाई अड्डा बनने का रास्ता साफ हो गया है। यह न तो राज्य सरकार के प्रयास से हुआ और न ही केंद्र के आदेश से, यह सब पूर्व केंद्रीय मंत्री सह सांसद राजीव प्रताप रूडी के प्रयास से और न्यायिक हस्तक्षेप से संभव हुआ है। शनिवार को पटना उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने अभिजीत कुमार पांडे की जनहित याचिका पर अभूतपूर्व फैसला देते हुए पटना और बिहटा हवाई अड्डा के विकल्प के रूप में नया ग्रीनफिल्ड हवाई अड्डा निर्माण के लिए सरकार को विचार करने का आदेश दिया। छपरा में तकनीकी संभाव्यता होने पर वहां भी ग्रीनफिल्ड हवाई अड्डा का निर्माण कराया जा सकता है। इस संदर्भ में रुडी ने बिहार के विकास में न्यायपालिका की भूमिका को अहम बताते हुए राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया कि वे राजनीति से उपर उठकर न्यायालय के इस निर्णय का सम्मान करें और एक नये ग्रीनफिल्ड हवाई अड्डा के निर्माण के लिए आगे बढ़कर समुचित कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि न्यायालय का यह फैसला आने वाले दिनों में परिवहन से संबंधित याचिकाओं पर राष्ट्रव्यापी मार्गदर्शन करेगा।
पटना उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश संजय करोल को रुडी ने धन्यवाद देते हुए कहा कि यह उनका ग्रीनफिल्ड हवाई अड्डा निर्माण पर दिया गया उनका फैसला पटना उच्च न्यायालय के बतौर मुख्य न्यायाधीश अंतिम और ऐतिहासिक फैसला है। रुडी ने उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश बनने पर उन्हें बधाई और शुभकामना दी। कोर्ट ने सांसद रुडी को तकनीकी विशेषज्ञ और अधिवक्ता के रूप में बहस करने पर आभार भी व्यक्त किया। विदित हो कि रुडी सांसद होने के साथ-साथ व्यावसायिक लाईसंेसधारक पायलट और पटना उच्च न्यायालय में अधिवक्ता भी है। पायलट होने के नाते तकनीकी ज्ञान के साथ उन्होंने कोर्ट में बहस भी की थी।
पटना उच्च न्यायालय में पिछले 8 माह में 15 घंटे बहस हुई जिसके बाद यह फैसला आया। कोर्ट के फैसले को रुडी ने बिहार की 14 करोड़ नागरिकों की जीत बताते हुए कहा कि पटना उच्च न्यायालय ने एक संवैधानिक निर्णय दिया और बताया कि अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार को सुरक्षित यात्रा के संबंध में भी लागू किया जा सकता है और सभी इसके हकदार है फिर बिहार के लोगों को उनकी सुगम और सुरक्षित यात्रा से वंचित कैसे रखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने कहा कि इसके लिए राज्य में पटना और बिहटा एयरपोर्ट को छोड़कर एक नये ग्रीनफिल्ड एयरपोर्ट बनाने पर सरकार विचार करे। रुडी ने कहा कि अब नये एयरपोर्ट के लिए रास्ता साफ हो गया है। न्यायालय ने कहा कि ग्रीनफील्ड पॉलिसी के तहत बिहार को हैदराबाद और बैंगलोर की तरह ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट की जरूरत है। न्यायालय ने यह भी सवाल उठाया कि अगर सोनपुर के छपरा में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट संभव है तो क्यों नहीं निर्माण किया जा रहा है?
रुडी ने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय ने कृषि योग्य भूमि को अधिग्रहीत कर हवाई अड्डा बनाने से मना करते हुए गैर कृषि योग्य जमीन पर ही एयरपोर्ट के निर्माण की बात कही है। उन्होंने बताया कि इससे न केवल किसान भूमि हिन हो जाते है बल्कि स्थानीय स्तर पर कृषि उपज पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इससे न केवल सुरक्षित यात्रा बल्कि निर्माण, लाजिस्टिक और ट्रांसपोर्ट उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा। इस संदर्भ में गंगा के तटीय क्षेत्र में हवाई अड्डा बनाने की रुडी की पहल को बल मिलता है। रुडी ने बताया नये ग्रीनफिल्ड एयरपोर्ट के लिए वह पिछले तीन वर्षों से संघर्ष कर रहे से संघर्ष कर रहे।