चीन के चंगुल से बचा विश्व! वायरस से घायल कर पूरे विश्व पर राज करने की नीति!

शी जिनपिंग, चीन के राष्ट्रपति

नई दिल्ली ( विद्रोही/ द न्यूज़)। आर्थिक स्थिति से कराह रहा चीन की विस्तारवादी नीति फेल हो गयी है। इस विस्तारवादी नीति में कोरोना/कोविड-19 वायरस चीन के लिए हथियार का काम कर रहा था । अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, इंडिया, रूस, जर्मनी समेत लगभग पूरा विश्व कोविड से घायल हो चुका है। लेकिन अनुमान के अनुसार चीन का टारगेट पूरा नहीं हुआ। वायरस को मात देने के लिए सभी देशों ने अपनी अलग अलग रणनीति तैयार की और पूरी आबादी को वायरस के आगोश में लेने से बचा लिया। हालांकि अभी भी कोविड का प्रकोप बरकरार है किंतु नियंत्रण में है। विश्व को घायल देख चीन अपनी विस्तारवादी नीति को अमली जामा पहनाने के लिए भारत की राह चुना। गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा ( एल ए सी) को क्रॉस कर चीन ने टेंट खड़ा करने से अभियान शुरू कर दिया था। चीन ने यह करवाई ऐसे समय में की जब दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों की बातचीत में एल ए सी से पीछे जाने का मसौदा तय हो चुका था पर चीन अपनी धोखाधड़ी से बाज नही आया। दरअसल मई 2020 से चीन अपने इस अभियान पर काम कर रहा था। भारतीय सेना ने चीन की इस करवाई का मुंहतोड़ जवाब 15 जून को दिया। अर्धरात्रि में टेंट उजाड़ कर चीनी सेना को पीछे जाने पर मजबूर किया। इस बहादुरी में भारतीय सेना के 20 जवानों को शहादत देनी पड़ी। चीन की इस हरकत को देख पूरा विश्व को एहसास हो गया है कि कोविड के पीछे चीन की कोई न कोई चाल है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प कई बार कोविड को चीनी वायरस कह चुके हैं । चीन को औकात में लाने का यही मौका है। नहीं तो, जैसे जैसे वायरस से विश्व घायल होता जाएगा चीन अंगड़ाई लेगा। यदि भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, इटली, फ्रांस सभी मित्र राष्ट्र बनकर चीन को आंखे दिखाना शुरू कर दे तो चीन सरेंडर कर देगा, नहीं तो चीन के लिए कोविड- 19 वायरस आहिस्ता आहिस्ता गहरे हथियार का काम करता रहेगा। अमेरिका चीन की मंशा भांप चुका है। इसलिए दक्षिणी चीन सागर में अपनी गतिविधियां बढ़ दिया है।