अब बिहार व यूपी के रिश्ते और मजबूत होंगे। 7 जून को बिहार राज्‍य अंतर्गत कई राष्‍ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्‍यास/लेाकार्पण होगा

पतन। द न्यूज़। मोदी सरकार के सौजन्य से कल बिहार को बड़ा तोहफा मिलने जा रहा है। 1150 करोड़ के लागत से एनएच०-85, जो छपरा से सिवान होते हुए गोपालगंज तक जाएगी, जिसकी कुल लम्‍बाई 94.26 कि०मी० है, को 2-लेन मानक संरचना के अनुरूप पेव्‍ड शोल्‍डर सहित परियोजना का शिलान्‍यास किया जाएगा। कल से गंगा सेतु पर सरपट वाहन दौड़ने लगेगी।
एनएच 85 परियोजना के निर्माण से सारण प्रमंडल वासियों को उत्‍तर प्रदेश के गोरखपुर, देवरिया, बलिया, गाजीपुर के साथ वाराणसी से संपर्कता मिलेगी एवं माल ढुलाई में सुगमता होगी, जिससे निर्माण लागत में कमी आएगी।
• रू० 1742 करोड़ के लागत से गंगा नदी पर महात्‍मा गांधी सेतु से पटना हाजीपुर के सुगम यातायात हेतु 5.58 कि०मी० का एन०एच०-19 के डाउनस्‍ट्रीम के सुपरस्‍ट्रक्‍चर का प्रतिस्‍थापन किया जाएगा। यह पुल उत्‍तर बिहार एवं दक्षिण बिहार को जोड़ेगी, जो राज्‍य की जीवन रेखा के रूप में के रूप में जानी जाएगी। यह पुल राज्‍य के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में एक महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
• रू० 1614 करोड़ के लागत से उमगॉंव से कलुआही, एन०एच०-227L, साहरघाट से रहिका, एन०एच०-227J, रहिका से रामपट्टी (मधुबनी बाईपास), एन०एच०-527A तथा विदेश्‍वर स्‍थान से भेजा एन०एच०-527A कुल लम्‍बाई 88.65 कि०मी० पथ का निर्माण कार्य कराया जाएगा।
यह परियोजना भारतमाला के अत्‍यंत पिछड़े धार्मिक तथा पर्यटन कॉरिडोर के अंतर्गत है, जो दो शक्तिपीठ-उच्‍चैठ तारापीठ एवं महिषी तारापीठ जैसे मुख्‍य धार्मिक स्‍थलों को जोडेगी, जहॉ लाखों तीर्थयात्री आते हैं। परियोजना के उन्नयन और पुनर्वास होने से यह दरभंगा, मधुबनी और सुपौल जिले के उपयोगकर्ताओं के लिए उपयोगी सड़क होगी। इस राजमार्ग से नेपाल के जनकपुर धाम सुगमता से जाने का मार्ग प्रशस्‍त होगा। इस पथ के बन जाने से नेपाल सीमा के निकट से कोसी महासेतु होते हुए मधुबनी जिला के सुपौल जिला से संपर्कता मिलेगी।
• रू० 1508 करेाड़ के लागत से बनने वाली एन०एच०-2 के औरंगाबाद से चोरदाहा/झारखंड बोर्डर खण्‍ड तक का 6-लेन मानक संरचना के अनुरूप कुल 69.53 कि०मी० परियोजना का शिलान्‍यास किया जाएगा।
यह परियोजना के पूर्ण होने से राज्‍य की एक अतिमहत्‍वपूर्ण परियोजना जो कि दिल्‍ली से कोलकाता के मार्ग को जोड़ती है और एक अंतराष्‍ट्रीय राजमार्ग भी कहलाता है जो कि दिल्ली से कोलकाता में प्रवेश करती है, जिसे एशियन हाईवे (एन०एच०-1) कहा जाता है।
• रू० 185 करेाड़ के लागत से गोपालगंज शहर में एन०एच०-27 के फ्लाई ओवर एलिवेटेड 4-लेन परियोजना का निर्माण कार्य का शुभारंभ किया जाएगा।
उक्‍त एलिवेटेड पुल के लिए संवेदक का चयन कर लिया गया है एवं साथ ही निर्माण कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है। उक्‍त पथ बन जाने से बौद्ध धर्म के लोग कुशीनगर से गोपालगंज शहर होते हुए रामपुर खजुरिया मर्ग से गया के लिए आवागमन आसान हो जाएगा। गोपालगंज शहर के पास ही मां थावे भवानी का मंदिर है, इस मार्ग से मां थावे भवानी के श्रद्धालु भक्‍त भी आसानी से मंदिर तक आवागमन कर सकते हैं।
• रू० 256 करोड के लागत से 4-लेन एलिवेटेड फ्लाईओवर के सड़क परियोजना जिसकी कुल लम्‍बाई 4.23 कि.मी. की होगी, का शिलान्‍यास किया जाना है।


यह पथ बेगूसराय जिला में राज्‍य सरकार/केन्‍द्र सरकार के अनेकों उद्योग अवस्थित है, जिस कारण इसे एक अतिमहत्‍वपूर्ण परियोजना बनाती है। इस परियोजना के बनने से बेगूसराय जिला में अन्‍य राज्‍यों से आने वाले वाहनों एवं यहॉं से अन्‍य जगहों/राज्‍यों को जाने वाले वाहनों के यातायात को सुगम एवं सुरक्षित बनाएगा, जिससे इस क्षेत्र की सामाजिक एवं आर्थिक विकास में मील का पत्‍थर साबित होगा।
• रू० 70 करोड़ के लागत से जयनगर बाईपास पर 2-लेन अप्रोच के साथ आर.ओ.बी. परियोजना का शिलान्‍यास किया जाएगा।
भारत-नेपाल अंतराष्‍ट्रीय सीमा पर अवस्थित होने के कारण सामरिक, व्‍यवसायिक एवं धार्मिक दृष्टिकोण से जयनगर एक महत्‍वपूर्ण शहर है, जिसके कारण यहॉं देश के विभिन्‍न राज्‍यों से नेपाल आने-जाने वाले यातायात दवाब रहता है। जनकपुर (नेपाल) जाने वाले रेलमार्ग पर इस सड़क उपरी पुल परियोजना के निर्माण से जयनगर में यातायात सुगम एवं सुरक्षित हो सकेगा।
• रू० 88 करोड़ के लागत से पेव्‍ड शोल्‍डर सहित 2-लेन मानक संरचना के अनुरूप एम्‍स (पटना) से नौबतपुर सड़क परियोजना, जिसकी कुल लम्‍बाई 10.84 कि०मी० है, का शिलान्‍यास किया जाएगा।
राष्‍ट्रीय राजमार्ग-98 पर एम्‍स (पटना) से नौबतपुर तक पेव्‍ड शोल्‍डर सहित अतिरिक्‍त 2-लेन सड़क निर्माण से पटना शहर की यातायात व्‍यवस्‍था सुदृढ़ होगी तथा पटना रिंग रोड से पटना शहर के अंदर आने वाले यातायात को एक सुगम मार्ग उपलब्‍ध होगा।
• रू० 98 करोड़ के लागत से पेव्‍ड शोल्‍डर सहित 2/4 लेन कायमनगर-जीरोमाइल सड़क परियोजना, जिसकी कुल लम्‍बाई 8.6 कि०मी० की होगी का शिलान्‍यास किया जाएगा।
इस परियोजना के निर्माण से आरा शहर को जाम की समस्‍या से छुटकारा मिलेगा तथा आरा शहर के अंदर जाने वाले यातायात को एक सुगम मार्ग उपलब्‍ध होगा।
• रू० 1589 करोड़ के लागत से ग्रीनफील्‍ड एन०एच०-80 के मुंगेर से खरिया गांव जंक्‍शन (पैकेज-1) तक 4 लेन सड़क परियोजना, जिसकी कुल लम्‍बाई 26 कि०मी० की होगी का निर्माण कार्य किया जाएगा।
• रू० 1069 करोड़ के लागत से ग्रीनफील्‍ड एन०एच०-80 के खरिया गांव जंक्‍शन से भागलपुर बाईपास (पैकेज-2) तक 4 लेन सड़क परियोजना, जिसकी कुल लम्‍बाई 29 कि०मी० की होगी का निर्माण कार्य किया जाएगा।
• रू० 1905 करोड़ के लागत से ग्रीनफील्‍ड एन०एच०-80 के भागलपुर बाईपास से रसूलपुर (पैकेज-3) तक 4 लेन सड़क परियोजना, जिसकी कुल लम्‍बाई 32 कि०मी० की होगी का निर्माण कार्य किया जाएगा।
• रू० 1225 करोड़ के लागत से ग्रीनफील्‍ड एन०एच०-80 के रसूलपुर से मिर्जाचौकी (पैकेज-4) तक 4 लेन सड़क परियोजना, जिसकी कुल लम्‍बाई 37 कि०मी० की होगी का निर्माण कार्य किया जाएगा।
• रू० 566 करोड़ के लागत से पेव्‍ड शोल्‍डर सहित 2-लेन भागलपुर-मिर्जाचौकी सड़क परियोजना (एन०एच०-80), जिसकी कुल लम्‍बाई 57 कि०मी० की होगी का शिलान्‍यास किया जाएगा।
• रू० 478 करोड़ के लागत से पेव्‍ड शोल्‍डर सहित 2-लेन मुंगेर-भागलपुर वर्तमान सड़क परियोजना (एन०एच०-80), जिसकी कुल लम्‍बाई 51 कि०मी० की है, का उन्‍नयन कार्य कराया जाएगा।
गंगा नदी के मैदानी भाग होने के कारण परियोजना के आस-पास के क्षेत्र की भूमि सर्वाधिक उपजाउ भूमि है। परियोजना के निर्माण से इस क्षेत्र के किसानों को अपने फसल बंगाल, झारखंड के निकटवर्ती इलाकों में निर्यात करने में काफी सुविधा होगी, जिससे उनकी लागत कम होगी एवं आमदनी में वृद्धि होगी। भागलपुर का प्रसिद्ध शिल्‍क देश के कोने-कोने से पहुंचने में अत्‍यधिक सुविधा होगी, जिससे क्षेत्र की जनता का सर्वांगिण विकास होगा। परियोजना निर्माण से बिहार से बंगाल एवं झारखंड से कनेक्टिविटी बढ़ेगी। मिर्जाचौकी के aggregate को बिहार के सभी जिलों में आपूर्ति से सुगमता आएगी। ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी, ईंधन की बचत होगी, यातायात में तेजी आएगी, पर्यटन कृषि, उद्योग और व्‍यापार में इजाफा होगा जिससे रोजगार बढ़ेगा। इन परियोजनाओं के निर्माण से प्राचीन भारत में शिक्षा के प्रमुख केन्‍द्र रहे विक्रमशीला विश्‍वविद्यालय एवं कहलगांव ताप विद्युत घर तक आवागमन सुलभ सुगम एवं सुरक्षित होगा। पूरे क्षेत्र में खुशहाली और तरक्‍की आएगी जो बिहार राज्‍य और देश की तरक्‍की में मील का पत्‍थर साबित होगा।