तो नीतीश के ‘तीर’ को ‘कमल’ ने मोह लिया। बिहार में एनडीए की ‘झोपड़ी’ गिर गयी!

 पटना। द न्यूज़ ( विद्रोही)। इस बार सीट बंटवारे में नीतीश कुमार की कौशलता काम नहीं आयी है। बीजेपी नीतीश पर पहली बार बीस पड़ी है।भाजपा और जदयू ने मंगलवार को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए संयुक्त रूप से सीटों की घोषणा कर दी। इस बार की घोषणा की खासियत यह रही कि भाजपा पहली बार नीतीश पर बीस नजर आयी है। वर्ष 2005 के विधानसभा चुनाव हो या वर्ष 2010 के विधानसभा चुनाव हो सभी में नीतीश भाजपा पर बीस रहे हैं। इन चुनावों में जदयू की सीटों की संख्या हमेशा भाजपा से अधिक रही। वर्ष 2010 के चुनाव में तो जदयू 141 सीटों पर चुनाव लड़ा था जबकि भाजपा 102 सीटों पर चुनाव लड़ी। यहां तक कि जदयू ने वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा से फिफ्टी- फिफ्टी की हिस्सेदारी ले लिया जबकि उसके मात्र 2 संसद थे। हर मसले पर नीतीश भाजपा पर बीस रहे। 

आज के सीट बंटवारे में जदयू को 122 सीटें मिली है। इसमें जदयू हम को 7 सीटें दिया है। भाजपा को 121 सीटें मिली है। समझा जाता है कि भाजपा अपने हिस्से से 6 सीटें वीआईपी को देगा।  भाजपा का कहना है कि वीआईपी से अभी बात चल रही है। हालांकि राजद से जिस तरह वीआईपी ने भड़ी सभा में व्यवहार किया उसे देखते हुए वीआईपी पर भरोसा करने में कोई भी दल एक बार जरूर सोचेगा। माना जा रहा है कि राजद को काउंटर के लिए एनडीए ने नई व्यवस्था की है।

लोजपा की राहें बिहार में एनडीए से जुदा हो गयी है। लेकिन लोजपा के लिए संतोष की बात है कि वह केंद्र में बनी रहेगी। नीतीश कुमार के लिए यह भी कष्टकारक ही है।प्रदेश में लोजपा नीतीश की खिंचाई करेगी और केंद्र में मलाई खायेगी। नीचे भाजपा और लोजपा की सूची देखिए।