पटना। द न्यूज़। बिहार विधान सभा चुनाव के पहले नीतीश की अगुवाई वाली राज्यमंत्रिपरिषद ने नियोजित शिक्षकों को बड़ा तोहफा देने का एलान किया है। निर्णय के अनुसार नियोजित शिक्षकों के मूल वेतन में 15 फीसदी वृद्धि की गई है। पर इसका लाभ तत्काल नहीं 1 अप्रैल 2021 से मिलेगा । यानी कोरोना संकट में शिक्षकों को लाभ नहीं मिल सकेगा। सरकार ने चालाकी दिखाई है। नवम्बर में बिहार में नई सरकार का गठन हो जाएगा। यानी नीतीश रहे तो शिक्षकों को लाभ मिलेगा, नहीं तो वेतन वृद्धि खटाई में जा सकता है। ज्ञात हो कि जब जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने जाने से पहले 29 महत्वपूर्ण फैसलों पर राज्य मंत्रिपरिषद से हरी झंडी दी थी पर उनका एक भी फैसला लागू नहीं हुआ। इतना ही नहीं, आज राज्यमंत्रिपरिषद के फैसले से शिक्षकों के ईपीएफ, प्रमोशन व स्वैक्षिक ट्रांसफर की भी सुविधा दी गयी है। इससे राज्य सरकार पर कुल 2765 करोड़ का बोझ पड़ेगा।