पटना। द न्यूज़। लगभग तय हो गया है कि बिहार विधानसभा का चुनाव समय पर हो जाएगा। नवम्बर में नई सरकार का भी गठन हो जाएगा। तो इसके लिए जरूरी हो गया है राजनीतितिक दलों को संपर्क अभियान चलाने की। आखिर ऑन लॉक की बंदिशें रहेगी तो झंडा कौन उठायेगा। पोस्टर कौन साटेगा। नेताजी के आगे पीछे कौन चाकरी करेगा। सभाएं कैसे होगी। घर घर नेताजी वोट कैसे मांगने जाएंगे। इएलिये लॉक डाउन से पूरी तरह बंदिशें हटाना जरूरी है। बिहार में अभी भी दो हजार से तीन हजार के बीच रोजाना कोरोना के पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं। एक लाख से उपर जांचे हो रही है। क्या चुनाव के बीच जांचें नहीं होगी। क्या पॉजिटिव मरीज नहीं मिलेंगे। लेकिन लोकतंत्र है।

तमाम समस्याओं के बीच नई सरकार के लिए राजगद्दी सजने जा रहा है। सारे विपक्षी दल छटपटा के राह गए लेकिन चुनाव का विगुल बजने के लिए तैयार है। खबर आ रही है कि अब शादी में भी 50 बारातियों की सीमा खत्म हो रही है। तो इस समय मुहूर्त कहां हैं। मुहूर्त तो नवम्बर के बाद है। असली मुहूर्त तो चुनाव जा है।