पटना। द न्यूज़। पटना साहिब सासंद सह भारत सरकार के केंद्रीय विधि एवं न्याय, संचार, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अपने संसदीय क्षेत्र सहित अन्य जिलों में कोरोना की चुनौतियों से संबंधित तैयारियों को लेकर पर्याप्त समीक्षा की। इस संदर्भ में इन्होंने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे,भारत सरकार के स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, बिहार सरकार के प्रधान स्वास्थ्य सचिव प्रत्यय अमृत,पटना के जिलाधिकारी समेत PMCH, NMCH, और AIIMS, पटना के अधीक्षक एवं निदेशक कोरोना के इलाज और तैयारियां के संबंध में विस्तृत चर्चा की।
श्री प्रसाद ने कहा जहां एक और करो ना टेस्ट की रफ्तार में तेजी आई है और निजी अस्पतालों को भी टेस्टिंग और आइसोलेशन सेंटर बनाने की अनुमति दी गई है जो संतोष का विषय है वही इलाज को और प्रभावी करने के लिए कुछ अन्य कदम उठाने की आवश्यकता है।उन्होंने अपनी चर्चा में स्वास्थ्य मंत्री एवं अन्य पदाधिकारियों को यह विषय रूप से बताया की दो प्रमुख अस्पतालों जहां कोविड का इलाज हो रहा है, PMCH और NMCH की व्यवस्थाओं में और मजबूती की जरूरत है। उन्होंने इस बात का विशेष रूप से उल्लेख किया कि इन दोनों अस्पतालों में हर बेड के साथ ऑक्सीजन के सिलेंडर अथवा ऑक्सीजन की सप्लाई की उचित व्यवस्था हो। इसे युद्ध स्तर पर जल्दी पूरा किया जाए। अभी सभी बेड में यह व्यवस्था नहीं है इन अस्पतालों में अतिरिक्त डॉक्टरों की व्यवस्था की जाए वार्ड बॉय की संख्या बढ़ाई जाए तथा वेंटिलेटर सक्षम रूप से चलाने के लिए पर्याप्त मात्रा में टेक्नीशियन उपलब्ध कराया जाए।श्री प्रसाद ने स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे से ये विषय रूप से आग्रह किया कि पटना के पाटलिपुत्र अशोक होटल जो अभी आइसोलेशन केंद्र के रूप में कार्यरत है उसे बहुत जल्दी अस्पताल के रूप में उचित मेडिकल व्यवस्थाओं के साथ स्थापित किया जाए। कोरोना की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए अधिक बेड उपलब्ध हो यह बहुत जरूरी है साथ ही उन्होंने यह भी आग्रह किया कि बिहार के कुछ प्रमुख क्षेत्रों में कुछ बड़े अस्थाई अस्पताल स्थापित किया जाए जैसा दिल्ली एवं अन्य राज्यों में किया गया है।श्री प्रसाद ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव से ये विशेष आग्रह किया कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बिहार सरकार को हर संभव सहयोग किया जाए।
डॉक्टरों से अपील :-
श्री प्रसाद ने डॉक्टरों नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ से विशेष रूप से अपील किया कि इस चुनौती भरे समय में तमाम आशंकाओं के बावजूद वे बीमार लोगों के इलाज में जुटे रहे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अपील पर देश में डॉक्टरों के संबंध में एक नई आदर का भाव पैदा हुआ है आज डॉक्टरों समेत नर्सों पैरामेडिकल स्टाफ क्रोना वैरीयस के रूप में देश में आदर के पात्र बने हैं उनकी सुरक्षा बीमा इत्यादि की भी चिंता की गई है अतः उनसे अपील होगी कि इस चुनौती भरे समय में वह सेवादूत के रूप में अवश्य कार्य करें। ये हम सभी का विनम्र आग्रह है।