जानिए अपने इलाके की नदियों का हाल।बूढ़ी गंडक पगलाई, कोशी खतरे के निशान से ऊपर। सारण, चंपारण व जमींदारी तटबंध क्षतिग्रस्त। बाकी सब नियंत्रण में

पटना। द न्यूज़। सचिव जल संसाधन संजीव हंस ने बताया कि गंडक नदी में आज 12 बजे दिन में 1,52,900 क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ है और इसकी प्रवृति घटने की है। गंगा नदी का जलस्तर गांधी घाट में आज सुबह 6 बजे 48.13 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 48.60 मीटर से 47 सेंटीमीटर नीचे है। गंगा नदी के जलस्तर में बक्सर, दीघा, हाथीदह, मुंगेर, भागलपुर एवं कहलगाँव में वृद्धि हुई है जबकि गाँधी घाट में 01 सेंटीमीटर की कमी हुई है। कोशी नदी का आज 12 बजे दिन में 1,80,085 क्सूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ है और इसकी प्रवृत्ति घटने की है। कोशी नदी का जलस्तर बलतारा अवस्थित गेज स्थल के पास 35.76 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से ऊपर है। सोन नदी का आज 12 बजे दिन में 25,790 क्यूसेक जलश्राव प्रवाहित हुआ है और इसकी प्रवृत्ति घटने की है। बागमती नदी का जलस्तर ढ़ेंग, सोनाखान, कटौंझा, बेनीबाद एवं हायाघाट गेज स्थलों पर खतरे के निशान से ऊपर है जबकि डूब्बाधार तथा कनसार/चंदौली गेज स्थल पर जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। कमला बलान नदी का जलस्तर जयनगर वीयर एवं झंझारपुर रेल पुल के डाउनस्ट्रीम के पास खतरे के निशान से क्रमशः 0.05 मीटर एवं 0.80 मीटर ऊपर है। महानंदा नदी का जलस्तर तैयबपुर एवं ढ़ेंगराघाट गेज स्थल पर खतरे के निशान से नीचे है। अधवारा नदी का जलस्तर सुंदरपुर एवं पुपरी गेज स्थल पर खतरे के निशान से ऊपर है तथा सोनवर्षा गेज स्थल पर खतरे के निशान से नीचे है। बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर सिकंदरपुर, समस्तीपुर रेलपुल, रोसड़ा रेलपुल एवं खगड़िया पर खतरे के निशान से ऊपर है। बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि होने के कारण तटबंधों पर अत्यधिक दवाब बना हुआ है। तटबंध के कई बिन्दुओं पर सीपेज/पाईपिंग की समस्या परिलक्षित हुई है, जिसे क्षेत्रीय अभियंताओं द्वारा युद्धस्तर पर दिवा-रात्रि बाढ़ संघर्षात्मक कार्य कराकर सुरक्षित रखा गया है।
जानकारी के मुुताबिक अभियंता गोपालगंज परिक्षेत्राधीन सारण तटबंध सारण, भैसही पुरैना छरकी, बंधौली शीतलपुर फैजुल्लाहपुर जमींदारी बांध एवं बैकुंठपुर रिटायर्ड लाईन तथा मुख्य अभियंता मुजफ्फरपुर परिक्षेत्राधीन चंपारण तटबंध के क्षतिग्रस्त भाग को छोड़कर शेष बिहार में विभिन्न नदियों पर अवस्थित तटबंध सुरक्षित है।

जल संसाधन विभाग द्वारा सतत निगरानी एवं चैकसी बरती जा रही है।
अपर सचिव आपदा प्रबंधन रामचंद्र डू ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया है कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है। नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 16 जिले के कुल 124 प्रखंडों की 1,199 पंचायतें प्रभावित हुयी हैं, जहाँ आवश्यकतानुसार राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। खगड़िया में 01 और समस्तीपुर में 05 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। इन सभी 06 राहत शिविरों में कुल 11,793 लोग आवासित हैं। 1,420 कम्युनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन 10,20,221 लोग भोजन कर रहे हैं। सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं और अब तक प्रभावित इलाकों से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और बोट्स के माध्यम से करीब 4,95,336 लोगों को निष्क्रमित किया गया है। विज्ञप्ति के अनुसार बाढ़ प्रभावित प्रत्येक परिवार को ग्रेचुटस रिलीफ के अंतर्गत 06 हजार रूपये की राशि दी जाती है और अभी तक 5,55,084 परिवारों के बैंक खाते में कुल 333.05 करोड़ रूपये जी0आर0 की राशि भेजी जा चुकी है। ऐसे परिवारों को एस0एम0एस0 के माध्यम से सूचित भी किया गया है। मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान को देखते हुए सभी जिलों को अलर्ट करा दिया गया है। आपदा प्रबंधन विभाग सम्पूर्ण स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहा है।