हार के बाद दार्शनिक हुए महागठबंधन के नेता। एकजुटता दिखाई। एक साथ सभी बोले चुनाव के लिए नहीं बना था महागठबंधन

पटना ( द न्यूज़)। लोकसभा चुनाव में हार के बाद आज पहली बार महागठबंधन के नेता एक साथ मिले। बैठक किये। गीले शिकवे शेयर किए और आपस मे एकजुटता का संदेश दिए।

आपस मे बैठक करने के बाद इस तरह संयुक्त बयान जारी किए:

राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, रालोसपा, हम, वीआईपी पार्टी का महागठबंधन महज चुनाव के लिए नहीं था। यह गठबंधन आवाम के सरोकारों को उसकी समेकित पूर्ति के लिए था और हम अपनी सामूहिक जिम्मेवारी को भली भांति समझते हैं। हम सब का यह मानना है की गरीब गुरबा, पिछड़ा, दलित, वंचित समाज और युवाओं के सरोकारों से मौजूदा केंद्र और राज्य की सरकार को रत्ती भर भी परवाह नहीं है।

हम तमाम दलों के लिए हमारी राजनीति सिर्फ चुनाव लड़ने और सीटों के बंटवारे का नाम नहीं है। हमारी समकालीन राजनीति का ताल्लुक सर्वप्रथम इस बात से है कि किस प्रकार इस मौजूदा संकट की घड़ी से राज्य और देश को निकाला जाए। अर्थव्यवस्था आज़ादी के बाद के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। बेरोजगारी हर घर में दस्तक दे चुकी है, असंगठित क्षेत्र और किसानी लहूलुहान है। सदियों से स्थापित गुरु रविदास के मंदिर को तोड़ा जा रहा है। ग़रीबों की रोज़ी-रोटी और आशियाने को उजाड़ा जा रहा है। आरएसएस एवं बीजेपी सरकार संविधान और आरक्षण को समाप्त करने की साज़िश रच रही है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मंशा भी ज़ाहिर की है। हम सभी यह भी जानते हैं सामाजिक सौहार्द किस बदहाली से गुजर रहा है। बिहार में एनडीए गठबंधन 12 वर्ष से अधिक समय से शासन कर रहा है फिर भी बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार, पलायन, व्यापार और क़ानून व्यवस्था का बुरा हाल है।

महागठबंधन के तमाम सहयोगी दल इस बात से भलीभांति परिचित हैं कि मौजूदा दौर में राजनीति के स्वरूप और चरित्र को बदलना भी हमारी जिम्मेदारी है। राज्य और राष्ट्र को एक वैकल्पिक लोकन्मुख राजनीति का का तेवर दिया जाए ये हम सबों का भरोसा है। हमारा गठबंधन सिर्फ नेताओं के बीच का गठबंधन नहीं बल्कि समाज के हाशिये पर पड़े लोगों का हाथ पकड़ कर चलने की प्रतिबद्धता का दूसरा नाम है। आज की इस बैठक में हमने यह निर्णय लिया है आने वाले दिनों में हम जनसंघर्षों के माध्यम से जन सरोकार के मुद्दों पर राज्य भर में लोगों को शिक्षित और जागरूक करने के साथ शांतिपूर्ण संघर्ष में उनके सहभागी होंगे।
धन्यवाद सहित।

  1. श्री तेजस्वी यादव (नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधानसभा)
  2. श्री जीतनराम मांझी (पूर्व मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष, हम(से))
  3. श्री उपेंद्र कुशवाहा (राष्ट्रीय अध्यक्ष, रालोसपा, पूर्व केंद्रीय मंत्री)
  4. श्री मदन मोहन झा (प्रदेश अध्यक्ष, बिहार कांग्रेस)
  5. श्री विरेन्द्र राठौर (राष्ट्रीय प्रभारी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस , सह प्रभारी, बिहार)
  6. श्री मुकेश सहनी- सन ऑफ़ मल्लाह (राष्ट्रीय अध्यक्ष, विकासशील इंसान पार्टी)
  7. श्री रामचंद्र पूर्वे – (प्रदेश अध्यक्ष, राजद)

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