पटना। द न्यूज़। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम से एक दिन पहले ही आज एनडीए में शामिल होने की घोषणा से सत्ताधारी दलों में हलचल बढ़ गयी है। मांझी जदयू से हांथ मिला रहे हैं और भाजपा तथा लोजपा किसी को निमंत्रण अब तक नहीं मिला है। समझा जाता है कि नीतीश कुमार अपने कोटे से मांझी की अगवाई वाले दल को टिकट देंगें। हालांकि मांझी ने बिना शर्त जदयू में शामिल होने की घोषणा की है।मांझी ने वर्ष 2015 का विधानसभा चुनाव एनडीए के बैनर तले ही लड़ा था। उस समय उन्हें 22 सिटीन चुनाव के लिए दी गयी थी, किन्तु वह केवल अपनी सीट जीत पाए। किन्तु इस बार मांझी को पहले जितनी टिकट मिलने की उम्मीद नहीं है।
मांझी की गतिविधियों को देखते हुए लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान ने 7 सितंबर को संसदीय दल की बैठक दिल्ली में बुलाई है। इस बैठक में चिराग कोई अहम फैसला ले सकते है। लोजपा सूत्रों का कहना है कि वह भाजपा के साथ हैं और भाजपा के साथ रहेंगें। लोजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि इन दिनों जदयू का तौर तरीका काफी बदल गया है। हमलोगों को घास फूस समझा जा रहा है। लोजपा नेता ने दुखड़ा रोते हुए कहा कि हमारे नेता चिराग पासवान के संसदीय क्षेत्र से अधिकारी को बदल दिया गया। रोसड़ा में बिना संपर्क किये नए पदाधिकारी की तैनाती कर दी गई। सब क्षेत्रो में यही हाल है। अब सबकुछ पार्टी अध्यक्ष के हांथ में है।
ज्ञात हो कि जदयू से हांथ मिलाते ही मांझी ने वफादारी दिखाते हुए नालंदा लोकसभा उम्मीदवार अशोक आज़ाद एवं औरंगाबाद लोकसभा उम्मीदवार उपेन्द्र प्रसाद को पार्टी से किया निष्कासित कर दिया। हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि दोनों को लालू यादव के कहने पर HAM ने दिया था टिकट।दोनों नेता पार्टी में लालू प्रसाद यादव के एजेंट की भूमिका में थे।