पटना। द न्यूज़।( विद्रोही)। भाजपा और जदयू की चली ढाई महीने की खींचतान के बाद आज मंत्रिपरिषद का विस्तार तो हो गया पर अंततः बाजी नीतीश के ही हांथ रही। कुल मिलाकर देखा जाए तो भाजपा के पास 21 विभाग रहे जबकि जदयू के पास 20 विभाग। आज के विस्तार के बाद अब तक भाजपा के कुल 16 मंत्री हो चुके हैं जबकि जदयू के 13 मंत्री बने हैं। आज हुए मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा के 9 तथा जदयू के 8 मंत्री बने हैं। जनता तय करे कि 74 सीटें लेकर भाजपा शह देने की स्थिति में है या 45 सीटों वाला जदयू मात देने की स्थिति में है। एनडीए के घटक दल हम और वीआईपी से 1-1 मंत्री हैं। यहां हांथी के दांत दिखाने के लिए भाजपा के पास 16 मंत्री तो हो गए हैं पर बिहार को रिमोट कंट्रोल से कंट्रोल करने वाले सारे ताकतवर विभाग नीतीश कुमार के पास ही है। सामान्य प्रसाशन को लेकर भाजपा और जदयू में तकरार चल रहा था। बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव अंतिम समय तक भाजपा के हांथ बाजी आने के लिए प्रयास किये पर नीतीश ने अपने पाशे में भाजपा को उलझा दिया। मंत्रिमंडल विस्तार में अतिथियों में भूपेंद्र यादव नजर नहीं आये जबकि सीट बंटवारे से लेकर मंत्रिमंडल गठन में वह सूत्रधार रहे हैं। ज्ञात हो कि भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने विरोध का विगुल बजा दिया है। बाढ़ से चार बार विधायक ज्ञानू ने आरोप लगाया है कि भाजपा में अब सवर्ण को वोट बैंक समझा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पीएम और गृह मंत्री को गलत तस्वीर पेश कर मंत्रिमंडल विस्तार में मनमानी की गई है।
ज्ञात हो कि मंत्रिमंडल विस्तार में शाहनवाज हुसैन को उद्योग, श्रवण कुमार को ग्रामीण विकास, मदन सहनी को समाज कल्याण, प्रमोद कुमार को गन्ना उद्योग और विधि, संजय कुमार झा को जल संसाधन और सूचना एवं जनसंपर्क, लेसी सिंह को खाद्य एवं उप उपभोक्ता संरक्षण और सम्राट चैधरी को पंचायती राज विभाग की जिम्मेवारी दी गई है। नीरज कुमार सिंह उर्फ नीरज बबलू को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, सुभाष सिंह को सहकारिता, नितिन नवीन को पथ निर्माण, सुमित कुमार सिंह को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सुनील कुमार को मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन, नारायण प्रसाद को पर्यटन, जयंत राज को ग्रामीण कार्य, आलोक रंजन को कला संस्कृति एवं युवा, मो. जमा खान को अल्पसंख्यक कल्याण और जनक राम को खान एवं भूतत्व विभाग की जिम्मेदारी मिली है। इसके साथ ही अब सामान्य प्रशासन, गृह, मंत्रिमंडल सचिवालय, निगरानी निर्वाचन और ऐसे सभी विभाग जो किसी मंत्री को आवंटित नहीं किए गए हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास रहेंगे ।
वहीं उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के जिम्मे वित्त वाणिज्य कर और नगर विकास एवं आवास, मुख्यमंत्री रेणु देवी के पास आपदा प्रबंधन, पिछाड़ा एवं अति पिछ़ा वर्ग कल्याण, विजय कुमार चैधरी के पास शिक्षा और संसदीय कार्य, बिजेंद्र प्रसाद यादव के पास ऊर्जा, योजना एवं विकास, अशोक चैधरी के पास वन निर्माण, शीला कुमारी के पास परिवहन, संतोष कुमार सुमन के पास लघु जल संसाधन, अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण, मुकेश सहनी के जिम्मे पशु एवं मत्स्य संसाधन, मंगल पांडे के जिम्मे स्वास्थ्य, अमरेंद्र प्रताप सिंह के पास कृषि, रामप्रीत पासवान के पास लोक स्वास्थ्य एवं अभियंत्रण, जीवेश कुमार के पास श्रम संसाधन सूचना प्रौद्योगिकी तथा राम सूरत कुमार क¢ पास राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग है।
नीतीश मंत्रिमंडल का गठन 16 नवम्बर को हुआ था। तब मुख्यमंत्री समेत 15 लोगों ने शपथ ली थी, जिनमें से एक मेवालाल चैधरी ने बाद में इस्तीफा दे दिया था। मंत्रिमंडल गठन के 8 दिनों बाद मंत्रिमंडल विस्तार में 17 नए मंत्री बनाए गए हैं। बिहार विधानसभा में 243 सीटें हैं। कुल संख्या का 15 प्रतिशत हिस्सेदारी मंत्रिमंडल में हो सकती है। इसके मुताबिक बिहार में मुख्यमंत्री समेत कुल 36 मंत्री हो सकते हैं। आज के विस्तार के बाद नीतीश सरकार में मंत्रियों कि संख्या 31 हो गई है। पांच और मंत्री बनाए जा सकते हैं।