पटना (विद्रोही/ द न्यूज़)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज स्पष्ट संदेश दे दिया है कि वे प्रशांत किशोर को अपनी पार्टी से नहीं निकालेंगे। उन्होंने पत्रकारों के सवाल के जवाब में साफ कहा कि कोई ट्वीट करता है तो हमें क्या मतलब। किसी व्यक्ति की जबतक इच्छा है वह पार्टी में रहेगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अमित शाह के कहने पर पीके को पार्टी में जॉइन कराया था। उन्होंने संकेत दिया कि उनकी पार्टी हाइ फाई पार्टी नहीं है। पवन वर्मा के मामले कहा कि उन्होंने पत्र लिखा था उसका जवाब दे दिया गया है। जाहिर है नीतीश कुमार आने विवेक से काम करना चाहते हैं न कि किसी के दवाब में। भाजपा के कई नेताओं ने अनाप शनाप बोला और वे सभो पार्टी में बने है। नीतीश जानते हैं कि यदि चाणक्य को हटा दिया गया तो विरोधियों की जीत हो जाएगी। लिहाजा नीतीश चाहते हैं कि अलग सुर अलापने वाले नेता खुद अपना रास्ता तय करें। नीतीश की राय में एनपीआर मामले में नया सेवक जोड़ने की कोई आवश्यकता नहीं है। यानी कि वे एनपीआर के नए स्वरूप को नहीं स्वीकार करेंगे। शरजील के बारे में कहते हैं कि गलत करने वाले को कानून सजा देगी। ये सारी बातें आज जदयू की बैठक में सामने आई है। पीके को अमित शाह के कहने पर जॉइन कराने संबंधी बयान पर पीके ने नीतीश पर पलटवार किया है। पीके ने कहा कि इस तरह की झूठ बोलना रोकी गिरावट दर्शाता है। आपको यह कहने की क्या जरूरत पड़ गयी कि जदयू में अपने मुझे कैसे और क्यों जॉइन कराया था।