तो उत्तराखंड में सीएम,एमपी व एमएलए होंगें मंदिरों के ‘देवता! किसके राज में हो रहा यह काम

नई दिल्ली ( विद्रोही/ द न्यूज़)। यदि उत्तराखंड सरकार की मंदिरों को अधिग्रहण संबंधी अधिनियम लागू हो जाएगी तो वहां के सीएम, एमपी व विधायक मंदिरों के पालनहार देवता बन जाएंगे। हिंदुत्व की राजनीति करनेवाली भाजपा के लिए यह शर्मनाक बात होगी। इस अधिनियम के खिलाफ भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने विगुल बजा दिया है। भाजपा के वरिष्ठ व पूर्व केंद्रीय मंत्री  सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को हाल ही में 51 मंदिरों का अधिग्रहण करने वाले अधिनियम को वापस लेने का निर्देश देने का आग्रह किया है। स्वामी ने विवादास्पद चार धाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम 2019 को पहले ही उत्तराखंड उच्च न्यायालय में चुनौती दे दी थी और न्यायालय ने 25 फरवरी को राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था।स्वामी का कहना है कि उत्तराखंड भाजपा सरकार राज्य के लगभग सभी मंदिरों को अधिग्रहित करने और मुख्यमंत्री को न्यासी बोर्ड के अध्यकक्ष बनाने से न केवल हमारी पार्टी की नीति और हिंदुत्व की विचारधारा के खिलाफ है, बल्कि अवैध भी है और सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के भी खिलाफ है।सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री मोदी को क्या लिखा है, नीचे पत्र देखिये

यह कानून वर्तमान में पुजारियों, स्थानीय ट्रस्टों द्वारा नियंत्रित मंदिरों पर सरकार को नियंत्रण में सक्षम बनाता है और नए कानून में कहा गया है कि सांसद, विधायक और राज्य सरकार द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि मंदिरों को चलाएंगे। अधिनियम के अनुसार, देवस्थानम बोर्ड का प्रमुख राज्य का मुख्यमंत्री होगा, और कई सरकारी अधिकारियों को प्रशासन में रखा गया है। हाल ही में गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर की चहारदीवारी में भी कुछ परिवर्तन करने की सूचना आयी है।