बिहार में चलेगी अब इलेक्ट्रिक बसें। पेट्रोल में मिलाया जाएगा 20 फीसदी इथनॉल

पटना। द न्यूज़। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद के पास परिवहन विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में इलेक्ट्रिक बसों एवं अन्य बसों के परिचालन का शुभारंभ हरी झंडी दिखाकर किया। मुख्यमंत्री ने रिमोट के माध्यम से परिवहन विभाग की विभिन्न योजनाओं का उद्घाट्न एवं शिलान्यास भी किया। चार जिलों जहानाबाद, बक्सर, गया एवं मधेपुरा में आधुनिक जिला परिवहन कार्यालय-सह-सुविधा केन्द्रों का आज शुभारम्भ किया गया, जिसकी प्राक्कलित राशि 10.37 करोड़ रूपये है।

राज्य में इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन एक नयी पहल है, जिसमें ईंधन की बचत के साथ-साथ प्रदूषण रहित परिवेशीय वातावरण में नागरिकों को परिवहन सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इन अत्याधुनिक बसों का परिचालन राजगीर, मुजफ्फरपुर एवं पटना नगर बस सेवा हेतु विभिन्न मार्गों पर किया जायेगा। यात्रियों की सुविधाओं का ख्याल रखते हुए मोबाइल पास एवं प्रीपेड ट्रेवल कार्ड जैसी सुविधाएं लागू की गई हैं। इलेक्ट्रिक बस पूर्णतः प्रदूषण मुक्त, वातानुकूलित, सी0सी0टी0वी0 कैमरायुक्त है। इसमें इमरजेंसी बटन एवं अलार्म बेल भी हैं। बस के अंदर मोबाईल चार्ज करने की सुविधा भी उपलब्ध है। पब्लिक एनाउंसमेन्ट सिस्टम, सभी बसों में तीन-तीन डिस्प्ले, ई-टिकटिंग की सुविधा, जी0पी0एस0 (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) के माध्यम से व्हीकल ट्रैकिंग की सुविधा भी उपलब्ध है। 70 नयी लक्जरी, सेमी डीलक्स एवं डीलक्स बसों की शुरुआत की गई है जिसमें 15 ए0सी0 लक्जरी बसें, 25 डीलक्स एवं 30 सेमी डीलक्स बसें हैं। राजधानी से सभी 38 जिलों को जोड़े जाने हेतु इन्हें विभिन्न मार्गों पर चलाया जायेगा।
पटना जिले के बिहटा, सिकंदरपुर में भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा अत्याधुनिक इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर बनाया जा रहा है। सेंटर के निर्माण के लिए बिहार सरकार द्वारा बिहटा में 3 एकड़ भूमि उपलब्ध करायी गयी है। योजना की कुल लागत 19.65 करोड़ है, जिसमें 16.50 करोड़ रूपये सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार से स्वी.त है एवं 3.15 करोड़ रूपये बिहार सरकार द्वारा सड़क सुरक्षा मद से स्वी.त है। इसके अतिरिक्त बिहार सरकार द्वारा भूमि हेतु लगभग 6 करोड़ रूपये की राशि व्यय की गयी है। इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर में सभी व्यावसायिक वाहनों की फिटनेस जांच अत्याधुनिक मशीनों की सहायता से ऑटोमेटेड तरीके से की जाएगी एवं वाहनों का फिटनेस प्रमाण-पत्र निर्गत किया जायेगा। राज्य के सभी जिलों में आधुनिक सुविधाओं से युक्त तकनीक आधारित मोटरवाहन चालन प्रशिक्षण विद्यालय की स्थापना हेतु प्रत्येक जिले में लोक निजी भागीदारी (पी0पी0पी0) के तहत ड्राईविंग ट्रेनिंग स्कूल की स्थापना हेतु पहल की गयी है तथा इसके लिये सड़क सुरक्षा निधि से 20 लाख रूपये अनुदान दिया जा रहा है। राज्य योजना के अंतर्गत जिला परिवहन कार्यालयों के क्षमता संवर्द्धन एवं नागरिकों की सुविधा हेतु आधुनिक जिला परिवहन कार्यालय-सह-सुविधा केन्द्रों का निर्माण सभी जिलों में कराया जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री का स्वागत परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने पौधा एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर किया।
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री श्रीमती रेणु देवी, परिवहन मंत्री श्रीमती शीला कुमारी, भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक चैधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, राज्य परिवहन आयुक्त श्रीमती सीमा त्रिपाठी, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित अन्य वरीय अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इलेक्ट्रिक बसों के परिचालन की शुरुआत के पश्चात् मुख्यमंत्री ने इलेक्ट्रिक बस में उपलब्ध सभी सुविधाओं की जानकारी ली और बस से विधानसभा तक की यात्रा की।
इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह खुशी की बात है कि बिहार में आज इलेक्ट्रिक बसों के परिचालन की शुरुआत हुई है। पर्यावरण के संरक्षण के लिए यह बहुत अच्छी बात है। 25 बसें आनी हैं, जिनमें 12 बसें आ चुकी हैं बाकि बची हुई बसें इसी माह में आ जाएंगी। वर्ष 2019 में इलेक्ट्रिक कार के आने के समय से ही हम इसका उपयोग करते आ रहे हैं। कई मंत्री और अधिकारी भी इलेक्ट्रिक कार का उपयोग कर रहे हैं। शुरुआत में जब हम इलेक्ट्रिक कार से निकलते थे तो उत्सुकतापूर्वक लोग देखते थे। इलेक्ट्रिक बसों में हर प्रकार की सुविधाओं का ख्याल रखा गया है। सब कुछ ऑटोमेटिक है। इलेक्ट्रिक बसों का संचालन जब ठीक ढंग से होने लगेगा तो इनकी संख्या और बढ़ाई जाएगी। पर्यावरण के संरक्षण के लिए हमलोग जल-जीवन-हरियाली अभियान चला रहे हैं। इलेक्ट्रिक व्हीकल पर्यावरण के अनुकूल तो होंगे ही इससे लोगों को आवागमन में भी सहुलियत होगी। आबादी बढ़ी है, लोगों का आवागमन बढ़ा है, इसको ध्यान में रखते हुए कई सड़कों का निर्माण किया गया है। सड़क दुर्घटनाओं से बचाव के लिए भी कई कार्य और इंतजाम किए जा रहे हैं। चालकों की ट्रेनिंग, वाहन जांच, वाहन निरीक्षण आदि के लिए भी संस्थानों का निर्माण कराया जा रहा है। बेहतर ट्रेनिंग नहीं होने के कारण ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं। ट्रेंड ड्राइवर ही गाड़ी चलाएंगे तो दुर्घटनाओं में कमी आयेगी। दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए परिवहन विभाग लगातार काम कर रहा है और राष्ट्रीय स्तर पर भी इसके लिए निर्णय किया गया है। हमलोगों ने इसे लेकर कमिटी बनायी है और उसके आधार पर कार्य किए जा रहे हैं। इलेक्ट्रिक व्हीकलस के आने से लोगों का खर्च घटेगा, इससे दुर्घटनाएं भी कम होंगी और पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इथेनॉल के निर्माण के लिए हमलोग कार्य कर रहे हैं। गन्ने से चीनी के निर्माण के साथ-साथ राज्य में इथेनॉल का भी उत्पादन होगा। पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनाॅल मिलाया जाएगा। सबसे बड़ी बात ये है कि लोगों के लिए आज इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआत हो गई है और लोग इससे प्रेरित होंगे। हमने बस के भीतर सारी सुविधाओं की जानकारी ली है। गाड़ी को मेनटेन करने वाले भी ट्रेंड हैं। परिवहन विभाग को इलेक्ट्रिक बसों के परिचालन के लिये बधाई देता हूं। हमलोग इसी बस से सफर करते हुए विधानसभा पहुंचे हैं,यह काफी आरामदायक है।