जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के बढ़े कद से जदयू की एक खास ‘कोटरी’ परेशान दिख रही है। यह वही कोटरी है जो पीके के जदयू में आने से पहले नीतीश कुमार के लिए झाल बजाया करती थी पर पार्टी के विकास में ऐसी कोटरी का कोई योगदान नहीं होता था। नीतीश ने पीके पर भरोसा कर उन्हें पार्टी में शामिल किया। पीके ने मोर्चा संभालते ही पटना विश्वविद्यालय में खाता खोल दिया। पहली बार पटना विश्वविद्यालय में जदयू का अध्यक्ष बना। झाल बजाने वालों को पीके का यह बढ़ता कद अच्छा नहीं लगा। हालांकि नीतीश जानते हैं पार्टी में चाणक्य का क्या स्थान है। पीके का बयान देखे बगैर जदयू के नेता पीके को निशाने पर ले रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजर सब पर है। समझा जाता है पीके का अभी और कद बढ़ेगा।