पटना। द न्यूज़। यह सच्चाई है कि गोपालगंज स्थित सत्तर घाट पुल क्षतिग्रस्त नहीं हुआ है, बल्कि उसे जोड़ने वाला अप्रोच पुलिया पानी के अत्यधिक करेंट के कारण क्षतिग्रस्त हुआ है। बहरहाल जिस काम के लिए कोई सड़क या पुल बना हो पर वह जानता के उपयोग के लिए एक झटके में लायक न हो तो उस सड़क व पुल का क्या औचित्य है ? सरकार का कहना है कि सत्तर घाट पुल सुरक्षित है पर सत्तर घाट को जोड़ने वाला 18 मीटर का पुल अत्यधिक बाढ़ के कटाव के कारण क्षतिग्रस्त हुआ है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि सत्तर घाट पुल के क्षतिग्रस्त होने की झूठी खबर चल रही है।इस मामले में सही तथ्य निम्नवत है।सत्तर घाट मुख्य पुल से लगभग दो किमी दूर गोपालगंज की ओर एक 18 मी लम्बाई के छोटे पुल का पहुँच पथ कट गया है। यह छोटा पुल गंडक नदी के बांध के अन्दर अवस्थित है। गंडक नदी में पानी का दबाव गोपालगंज की और ज़्यादा है । इस कारण पुल के पहुँच का सड़क का हिस्सा कट गया है।यह अप्रत्याशित पानी के दबाब के कारण हुआ है।
इस कटाव से छोटे पुल की संरचना को कोई नुक़सान नहीं हुआ है।
मुख्य सत्तर घाट पुल जो १.४ किमी लंबा है बह पूर्णतः सुरक्षित है।पानी का दबाव कम होते ही यातायात चालू कर दिया जाएगा।इस योजना में कोई अनियमितता का मामला नहीं है।यह प्राकृतिक आपदा है।विभाग पूरी तरह मुस्तैद है।